अगर आप इलेक्ट्रिकल सुपरवाइज़र का इंटरव्यू देने जा रहे है, तो आपसे इंटरव्यू में ट्रांफॉर्मर DGA टेस्ट से काफी सवाल पूछे जा सकते है, लेकिन कुछ लोग DGA टेस्ट को लेकर काफी कंफ्यूज रहते है।
तो इस पोस्ट में हम DGA टेस्ट से जुड़े सारे सवालों पर बात कर लेंगे। तो चलिए सबसे पहले हम बात कर लेते है, की ट्रांसफॉर्मर में DGA टेस्ट क्या होता है, फिर हम DGA टेस्ट से जुड़े बाकी दूसरे सवाल जैसे की DGA टेस्ट कैसे करते है और DGA टेस्ट करने के क्या फायदे है इन सब पर बात कर लेंगे।
ट्रांसफॉर्मर में DGA टेस्ट क्या होता है?
What is DGA test in Transformer?
दोस्तों DGA टेस्ट से जुड़ा पहला सवाल यही पूछा जाता है, की DGA की फुल फॉर्म क्या होती है?
DGA: Dissolved Gas Analysis (डिसॉल्वड गैस एनालिसिस)
अगर हम इसकी फुल फॉर्म का मतलब हिंदी में समझे तो डिसॉल्वड का मतलब होता है, घुलना। यानी की हमारे ट्रांसफॉर्मर आयल में कौनसी गैस घुली हुई है, उसका पता करना(एनालिसिस) ही DGA कहलाता है।
अगर हम और भी आसान शब्दो में समझे की DGA टेस्ट क्या होता है, तो DGA टेस्ट ट्रांसफार्मर के आयल का एक टेस्ट होता है, जिसमे हम पता लगाते है की ट्रांसफार्मर आयल में कोनसी गैस घुली हुई है। दोस्तों इसके बाद आपसे इंटरव्यू में यह भी पूछा जा सकता है, की ट्रांसफॉर्मर में आयल का क्या काम होता है?
तो दोस्तों सबसे पहले हम यह जान लेते है, की ट्रांसफॉर्मर में आयल का क्या काम होता है, फिर हम यह जान लेंगे की आयल के DGA टेस्ट करने से हमे क्या फायदा मिलता है।
ट्रांसफॉर्मर में आयल क्या काम करता है?
What is working of oil in Transformer?
दोस्तों वैसे तो आयल के कई सारे फायदे है, लेकिन अगर हम मुख्य फायदों की बात करे तो इसके दो मुख्य फायदे है:
- ट्रांसफॉर्मर की वाइंडिंग को इंसुलेशन प्रोवाइड करवाना।
- ट्रांसफॉर्मर को कूलिंग देना।
इसके अलावा एक तीसरा बेनिफिट यह भी होता है की, आयल टेस्टिंग से ट्रांसफॉर्मर की लाइफ के साथ साथ हम यह भी पता कर सकते है, की ट्रांसफॉर्मर को मेंटेंनेस की जरूरत है या नहीं।
जैसे ब्लड टेस्ट करने पर हमे हमारी हेल्थ का पता चलता है, की हमारा शरीर सही से काम कर रहा है या नहीं, शरीर में क्या-क्या समस्या हो सकती है। ऐसे ही ट्रांसफॉर्मर के अंदर जब हम आयल का DGA टेस्ट करते है, तो उससे हम ट्रांसफॉर्मर की हेल्थ का पता कर सकते है। जैसे की ट्रांसफार्मर को मेन्टेन्स की जरूरत है या नहीं, या फिर ट्रांसफार्मर में कोई फाल्ट तो नहीं आ गया।
इसके बाद आपसे यह सवाल भी पूछा जा सकता है, की आपको DGA टेस्ट कब करना चाहिए। तो चलिए जान लेते है की ट्रांसफॉर्मर में DGA टेस्ट कब और कैसे किया जाता है।
DGA टेस्ट कब और कैसे किया जाता है?
When and how to do DGA test?
दोस्तों, अगर हम नॉर्मली बात करे तो DGA टेस्ट हर 6 महीने में एक बार करते है। लेकिन किसी किसी केस में हम साल में एक बार ट्रांसफॉर्मर का DGA टेस्ट करते है। अब बात करते है, की DGA टेस्ट कैसे करे और DGA टेस्ट से ट्रांसफॉर्मर की हेल्थ का कैसे पता लगाए?
DGA टेस्ट के अंदर हमारे ट्रांसफार्मर आयल में जो गैस बनती है, उसका पता करते है की वो कोनसी गैस है। अब आप लोगो का सवाल आयेगा की आखिर ट्रांसफॉर्मर के अंदर यह गैस कहा से आ गयी?
तो दोस्तों, जब ट्रांसफॉर्मर रनिंग कंडीशन में होता है, तो उस पर इलेक्ट्रिकल स्ट्रेस के साथ-साथ कुछ मैकेनिकल स्ट्रेस भी पड़ते है। अब आप लोग कहोगे की इलेक्ट्रिकल स्ट्रेस और मैकेनिकल स्ट्रेस का क्या मतलब है, तो चलिए अब इनका मतलब भी समझ लेते है।
ट्रांसफॉर्मर में इलेक्ट्रिकल स्ट्रेस और मकेनिकल स्ट्रेस क्या होता है?
What is Electrical stress and Mechanical stress in transformer?
जब ट्रांसफॉर्मर रनिंग कंडीशन में होता है, तो उसमे जो वोल्टेज जोडते है वो टाइम के साथ चेंजिंग होता है। वोल्टेज कम ज्यादा होने से, करंट भी कम ज्यादा होती है। इस कारण हमारे ट्रांसफॉर्मर की वाइंडिंग और कनेक्शन पर इलेक्ट्रिकल स्ट्रेस पड़ता है।
इसके साथ ही जब हमारा ट्रांसफॉर्मर रनिंग कंडीशन में होता है तो उसमे वाइब्रेशन(कम्पंन) होते है। तो वाइब्रेशन के कारण हमारे ट्रांसफॉर्मर पर मैकेनिकल स्ट्रेस उत्पन होता है।
तो इन स्ट्रेस के कारण हमारे ट्रांसफॉर्मर में हीटिंग और स्पार्किंग होने लगती है। ट्रांसफॉर्मर के अंदर इस स्पार्किंग के कारण आयल गर्म होने लगता है, और धिरे धिरे इसकी हीटिंग बढ़ती रहती है और यह आयल ओवरहीट होने लगता है। जब हमारा ट्रांसफार्मर कुछ ज्यादा ही गर्म हो जाता है, तो उस कंडीशन को हम ओवरहीटिंग कहते है।
इस ओवरहीटिंग के कारण हमारा आयल डिकम्पोज़ हो जाता है, यानी की आयल गैस उत्पन करने लग जाता है।
ध्यान दे: ट्रांसफॉर्मर आयल कितना गर्म हो रहा है, उसके अकॉर्डिंग ही आयल में अलग अलग गैस उत्पन होती है। जैसे की 150’C पर हमारा ट्रांसफॉर्मर ओवरहीट कहलाता है और जब ट्रांसफॉर्मर 160’C तक गर्म होता है, तो उसके बाद में हाइड्रोजन गैस उत्पन होने लग जाती है। 170’C पर मीथेन गैस और फिर ऑक्सीजन नाइट्रोजन और इस तरह से हमारा ट्रांसफॉर्मर अलग अलग तापमान पर अलग अलग गैस उत्पन करता है।
लेकिन कुछ समय बाद हमारा आयल वापस से ठंडा हो जाता है, जिस कारण वह गैस हमारे आयल में मिक्स हो जाती है। तो जब भी हम DGA टेस्ट करते है, तो उस समय हम यही चेक करते है की हमारे ट्रांसफॉर्मर में कोनसी-कोनसी गैस है। यानि की हम ट्रांसफॉर्मर की गैस का एनालिसिस करते है और इस एनालिसिस से हमे हमारे ट्रांसफॉर्मर की हेल्थ का पता चल जाता है।
जैसे की अगर आयल में हाइड्रोजन गैस है तो इसका मतलब है की हमारा ट्रांसफॉर्मर 160’C तक गर्म हुआ और अगर 250’C तक गर्म हुआ तो अलग गैस उत्पन करेगा इस तरह से ट्रांसफॉर्मर में कोनसी गैस है उससे हम ट्रांसफॉर्मर की हेल्थ का पता लगा सकते है। दोस्तों अब आखिर में आपको एक और चीज़ पता होना चाहिये की DGA टेस्ट करने से हमे और क्या फायदे मिलते है।
ट्रांसफॉर्मर में DGA टेस्ट करने के क्या फायदे है?
What are the advantages of DGA test in transformer?
- दोस्तों DGA टेस्ट का सबसे पहला फायदा तो यही है की इस टेस्ट की मदत से हम पहले से ही पता कर सकते है की हमारे ट्रांसफॉर्मर में कोनसे कोनसे फाल्ट आ सकते है।
- दोस्तों अगर हमने हमारे ट्रांसफॉर्मर को रिपेयर किया है तो DGA टेस्ट से हम यह पता कर सकते है की रिपेयर के बाद भी हमारे ट्रांसफॉर्मर में कोई फाल्ट तो नहीं रह गया।
- इसके अलावा दोस्तों DGA टेस्ट हमे यह जानने में मदत करता है की हमे ट्रांसफॉर्मर की मेनटेन्स कब करनी है या फिर हमारा यह ट्रांसफॉर्मर खराब हो चूका है इसको रेप्लस ही करना पड़ेगा।
तो दोस्तों उम्मीद है की आज की इस पोस्ट में आपको ट्रांसफॉर्मर में DGA टेस्ट से रिलेटेड पूरी जानकारी मिल गयी होगी। अगर अभी भी कोई सवाल रह जाता है तो आप इस पोस्ट के नीचे कमेंट करके बता सकते है या फिर हमे इंस्टाग्राम “Electrical Dost” पर भी अपना सवाल भेज सकते है।
अगर आपको इलेक्ट्रिकल की वीडियो देखना पसंद है तो आप हमारे चैनल “Electrical Dost” पर विजिट कर सकते है।
मिलते है अगली पोस्ट में तब तक के लिए धन्यवाद 🙂