अगर आप इलेक्ट्रिकल फील्ड से जुड़े है तो आज की यह पोस्ट आपके लिए काफी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट होने वाली है, क्योकि इस पोस्ट में हम बात करने वाले है की लाइटनिंग अरेस्टर और सर्ज अरेस्टर क्या होते है?
दोस्तों लाइटनिंग अरेस्टर और सर्ज अरेस्टर इन दोनों के बिच काफी लोगो को कन्फूजन रहता है और कुछ लोगो को लगता है की यह दोनों एक ही उपकरण है, जो की पूरी तरह से गलत है।
तो चलिए फिर आज इस पोस्ट में हम अच्छे से लाइटनिंग अरेस्टर और सर्ज अरेस्टर दोनों को समझ लेते है। सबसे पहले बात करते है कि लाइटनिंग अरेस्टर क्या होता है, और कैसे काम करता है? फिर हम सर्ज अरेस्टर के बारे में भी जान लेंगे।
लाइटनिंग अरेस्टर क्या होता है?
What is Lightning Arrestor?
दोस्तों हमने लाइटनिंग अरेस्टर को घर की छत या फिर इंडस्ट्री की छत पर लगा हुआ देखा होगा। इसकी वर्किंग को आसानी से समझने के लिए हम एक उदहारण ले लेते है। जैसे- आपने सुना होगा की पुलिस ने चोर को अरेस्ट कर लिया। तो अरेस्ट का मतलब हुआ की चोर को पकड़ कर जेल में डाल देना।
इसी तरह दोस्तों हमारा लाइटनिंग अरेस्टर बादलो से गिरने वाली बिजली को अरेस्ट कर लेता है, यानी की बिजली को पकड़ कर ग्राउण्ड में डाल देता है। अब कई लोगो का सवाल आयेगा की आखिर हम बिजली को ग्राउंड में क्यों भेज रहे है।
तो दोस्तों आसमान से जो बिजली गिरती है, उसका वोल्टेज लगभग 30Kv होता है। तो अगर इतना ज्यादा वोल्टेज किसी उपकरण या फिर बल्डिंग पर गिरता है तो यह उसको डेमेज कर देता है, इतना ही नहीं अगर यह बिजली किसी व्यक्ति के आस-पास भी गिरती है तो उसकी मौत लगभग निश्चित होती है।
इसलिए हम लोग यही चाहते है की जैसे ही बिजली गिरे उसे पकड़ कर ग्राउंड कर दे, ताकि बिजली को हमारे उपकरणों के सम्पर्क में नाआ पाए। जिससे हमारे उपकरणों को नुक्सान ना हो।
तो दोस्तों हमने अभी तक यह तो समझ लिया की लाइटनिंग अरेस्टर क्या होता है, अब हम यह समझ लेते है की आखिर लाइटनिंग अरेस्टर कैसे काम करता है।
लाइटनिंग अरेस्टर कैसे काम करता है?
How Lightning Arrestor work?
लाइटनिंग अरेस्टर हमारे घर या फिर इंडस्ट्री के टॉप पर लगाये जाते है। इस लाइटनिंग अरेस्टर के बॉटम यानी निचे वाले हिस्से पर एक कंडक्टर वायर कनेक्ट करते है, और उस कंडक्टर वायर को ग्राउंड से जोड़ देते है। जैसे की आप निचे फोटो में देख सकते है की किस तरह से लाइटनिंग अरेस्टर का कनेक्शन होता है।
अब जब कभी हमारे घर की छत पर बिजली गिरती है, तो लाइटनिंग अरेस्टर डायरेक्ट बिजली को कैच कर लेता है, उसके बाद कंडक्टर वायर इतने हाई वोल्टेज वाली बिजली को डायरेक्ट ग्राउंड में भेज देता है।
तो दोस्तों हमने लाइटनिंग अरेस्टर क्या है और कैसे काम करता है? यह तो समझ लिया। अब हम जान लेते लेते है की सर्ज अरेस्टर क्या होता है और कैसे काम करता है?
सर्ज अरेस्टर क्या होता है?
What is Surge Arrestor?
अगर सबसे पहले सर्ज अरेस्टर के दिखने की बात करे की सर्ज अरेस्टर दिखता कैसा है, तो इसे आप निचे फोटो में देख सकते हो।
दोस्तों अगर हम बात करे की सर्ज अरेस्टर का उपयोग कहा किया जाता है? तो सर्ज अरेस्टर का उपयोग ट्रांसमिशन लाइन, सबस्टेशन के अंदर, इसके अलावा घरो में भी किया जाता है। अब अगला सवाल की सर्ज अरेस्टर को कहा लगाया जाता है?
तो दोस्तों ट्रांसमिशन लाइन में सर्ज अरेस्टर को पोल और कंडक्टर वायर के बिच में लगाया जाता है, और अगर घरो की बात करे तो सर्ज अरेस्टर मीटर के पास फेज वायर और अर्थ वायर के बिच में लगाया जाता है। आप निचे इमेज में देख सकते है की किस तरह से सर्ज अरेस्टर को कनेक्ट किया जाता है।
इसमें हमारा जो कंडक्टर वायर है उसको एक इंसुलेटर की मदत से पोल से जोड़ा जाता है। इंसुलेटर का काम केवल हमारी कंडक्टर वायर को पोल से दूर रखना होता है, क्योकि अगर वायर पोल को टच करेगी तो शार्ट-सर्किट हो सकता है। इसलिए इंसुलेटर उपयोग करते है ताकि वायर पोल से दूर रहे।
दोस्तों आपको ऊपर फोटो में इंसुलेटर के साथ एक पैरलल में डिवाइस जुड़ा हुआ दिख रहा होगा, यही हमारा सर्ज अरेस्टर होता है। अब आपके मन में सवाल आयेगा की आखिर यहा पर सर्ज अरेस्टर क्या काम करता है?
सर्ज अरेस्टर क्या काम करता है?
What is work of surge arrestor?
तो दोस्तों सर्ज अरेस्टर क्या काम करता है और कैसे काम करता है इसे समझने के लिए हम एक उदाहरण देख लेते है। उदाहरण के लिए हमारे पास एक CPU है और वो CPU काफी सेंसिटिव है, अगर इस CPU की रेटेड वोल्टेज से ज्यादा वोल्टेज आता है तो ये CPU डेमेज हो सकता है। इसलिए इस CPU में जो फेज सप्लाई आ रही है उसमे हम सर्ज अरेस्टर का एक टर्मिनल फेज के साथ और एक टर्मिनल ग्राउंड वायर के साथ जोड़ देते है।
आप ऊपर फोटो में देख कर आसानी से समझ सकते है की सर्ज अरेस्टर को कैसे कनेक्ट किया है। अब हम इसकी वर्किंग को समझ लेते है जो की काफी आसान है।
सर्ज अरेस्टर की वर्किंग?
Working of Surge Arrestor?
सर्ज अरेस्टर की वर्किंग काफी आसान होती है। उदाहरण के लिए मान लेते है, हमारे सर्ज अरेस्टर है जिसकी रेटिंग वैल्यू 220 वोल्ट है। तो जिस फेज के साथ हमने सर्ज अरेस्टर को कनेक्ट किया है, उसमे 220 वोल्ट से ज्यादा वोल्टेज फ्लो हुआ, तो हमारा यह सर्ज अरेस्टर एक्टिव हो जाता है और 220 वोल्ट से जितना ज्यादा वोल्टेज उस वायर में से फ्लो होगा, वह उसे ग्राउंड में ट्रांसफर कर देता है।
मतलब की सर्ज अरेस्टर की रेटिंग से जितना ज्यादा वोल्टेज हमारे फेज में फ्लो होता है, तो सर्ज अरेस्टर उसे ग्राउंड में भेज देता है। इस तरह से आगे जो भी हमारा लोड जुड़ा हुआ है, उसमे हाई वोल्टेज फ्लो नहीं होता और वो उपकरण डेमेज होने से बच जाता है।
आखरी में दोस्तों हम इसके नाम का मतलब समझे तो सर्ज का मतलब होता है की अचानक से आना। यानी की हमारी लाइन में अगर अचानक से कोई हाई वोल्टेज आता है, तो उसे ही हम सर्ज कहते है। और सर्ज अरेस्टर का काम इसी अचानक से आने वाली हाई वोल्टेज को ही अरेस्ट कर के ग्राउंड में भेजना होता है।
उम्मीद है दोस्तों आपको लाइटनिंग अरेस्टर और सर्ज अरेस्टर से जुड़े सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे। अगर अभी भी कोई सवाल रह जाता है, तो आप हमे नीचे कमेंट करके बता सकते है या फिर इंस्टाग्राम “Electrical Dost” पर भी अपना सवाल भेज सकते है।
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मिलते है अगली पोस्ट में तब तक के लिए धन्यवाद 🙂
Good