नमस्कार दोस्तों आज यह पोस्ट काफी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट होने वाली है, क्योंकि बहुत सारे लोगो को करंट और सिगनल के बिच में कन्फ्यूजन रहता है। तो हम इसी से जुड़े सारे सवाल जैसे कि करंट और सिगनल क्या है? इन दोनों मे क्या अंतर होता है? इन सभी को क्लियर करेंगे।
करंट और सिगनल के बिच में अंतर समझने से पहले आपको यह समझ लेना जरुरी है, की आखिर करंट और सिगनल क्या होते है? तो चलिए आखिर करंट और सिगनल क्या होते है, पहले यह जान लेते है।
करंट क्या होती है?
What is current?
करंट क्या होती है? इसको हम इस उदारहण की मदत से समझ सकते है।
उदाहरण: दोस्तों मान लेते है की हमारे पास एक वायर है। आपको बता दे की एक छोटे से वायर के अंदर करोड़ो फ्री इलेक्ट्रोन होते है। ये इलेक्ट्रोन वायर के अंदर कहीं भी आ जा सकते है। मतलब की वो वायर के अंदर कहीं भी मूव कर सकते है।
दोस्तों जब हम इस वायर पर वोल्टेज अप्लाई करते है, तो वोल्टेज इन करोड़ो इलेक्ट्रोन को पीछे से धक्का लगाता है। धक्का लगने की वजह से इलेक्ट्रोन आगे की तरफ फ्लो (मूव) करने लगते है। ये इलेक्ट्रोन एक ही दिशा में फ्लो होने लगते है। वायर में इलेक्ट्रोन फ्लो होने को ही हम करंट फ्लो करना कहते है।
अगर एग्जाम में कभी आपसे यह सवाल पूछा जाए की करंट क्या होती है? तब आप यह कह सकते हो की “किसी वायर में से इलेक्ट्रोन जिस स्पीड से फ्लो या फिर मूव कर रहे है उसे ही हम करंट कहते है।”
दोस्तों हमने यह तो समझ लिया की आखिर करंट क्या होती है, अब हम यह समझ लेते है की आखिर सिगनल क्या होता है।
सिगनल क्या होता है?
What is Signal?
दोस्तों सिगनल एक इंग्लिश वर्ड है। सिगनल का काम होता है, किसी इनफार्मेशन को शेयर करना। अगर हम सिगनल को आसान भाषा में समझे, जब हमें कोई इनफार्मेशन शेयर करनी है तो वो हम एक सिगनल की मदत से करते है।
जैसे: अगर आप किसी सड़क पर जा रहे हो और आपको रेड ग्रीन या फिर येल्लो लाइट दिखाई देती है। तो वो हमे कुछ सिगनल दे रही है। रेड लाइट हमे यह सिगनल देती है की हमे रुकना है। ग्रीन लाइट का मतलब है की हमे आगे चलते रहना है। रेड और ग्रीन लाइट हमे सिगनल से यह इनफार्मेशन देती है की आगे से कोई गाडी आ रही है या नहीं और हमे कब रुकना चाहिए।
अगर दोस्तों आपको एक लाइन के अंदर सिगनल को समझना हो तो आप कह सकते है की सिगनल किसी इन्फॉर्मेशन यानी किसी सुचना को एक जगह से दूसरी जगह पर पहुँचाता है। सिगनल कई तरह से दिये जा सकते है जैसे की हमने ऊपर उदाहरण में देखा की अलग अलग लाइट की मदत से सिगनल देते है।
इसी तरह हम सिगनल गेस्चर यानि की इसारो की मदत से भी दे सकते है। जैसे की कई बार ट्रैफिक लाइट की जगह कोई पुलिसकर्मी अपने हाथ के इसारो से आने का और रुकने का सिगनल देता है।
ऐसे ही दोस्तों वॉइस सिगनल होते है जिसमे हम आवाज़ से कोई इनफार्मेशन शेयर करते है।
अब अगर हम इलेक्ट्रिकल सिगनल की बात करे तो इलेक्ट्रिकल सिगनल में हम लोग वोल्टेज या फिर करंट की मदत से इनफार्मेशन शेयर कर रहे होते है। इसके अलावा आपको एक और सिगनल काफी ज्यादा सुनने को मिलता है वो है रेडियो सिगनल।
रेडियो सिगनल का एक सिंपल सा उदाहरण है, हमारा मोबाइल फ़ोन। जब हम फ़ोन पर बात कर रहे होते है तो उस समय हम जो इनफार्मेशन या बात बोल रहे है, वो हमारी मोबाइल फ़ोन से टावर तक ट्रांसफर हो जाती है। यह इनफार्मेशन रेडियो सिगनल के द्वारा बिना वायर के ट्रांसफर की जाती है। रेडियो सिगनल के अंदर यह इनफार्मेशन इलेक्ट्रिकल और मैगनेटिक फिल्ड की मदत से ट्रांसफर होती है।
दोस्तों आपको कोई कन्फूजन न हो इसलिए हम लोग एक बार रेडियो सिगनल और इलेक्ट्रिकल सिगनल के बिच में अंतर देख लेते है फिर हम यह समझ लेंगे की आखिर करंट और सिगनल में क्या अंतर होता है।
रेडियो सिगनल और इलेक्ट्रिकल सिगनल में क्या अंतर होता है?
What is difference between Radio signal and electrical signal?
रेडियो सिगनल और इलेक्ट्रिकल सिगनल के बिच में दो मुख्य अंतर होते है।
- इलेक्ट्रिकल सिगनल एक वायर में फ्लो होता है। इस वायर के अंदर हमारा वोल्टेज और करंट फ्लो होता है। जबकि रेडियो सिगनल बिना वायर यानि की वायरलेस फ्लो होता है।
- इलेक्ट्रिकल सिगनल के अंदर हमारी इनफार्मेशन वोल्टेज और करंट की मद्त से हो रही होती है लेकिन रेडियो सिगनल के अंदर इनफार्मेशन इलेक्ट्रिकल और मैगनेटिक फिल्ड की मदत से होती है।
अगर हम इलेक्ट्रिकल सिगनल के उदारहण की बात करे तो हमारी जो भी उपकरण जैसे की कंप्यूटर, टीवी, PLC ये सब इलेक्ट्रिकल सिगनल पर काम कर रही है। और रेडियो सिगनल जैसे की हमारी मोबाइल से आवाज़ बिना वायर के ट्रांसफर हो रही है तो रेडियो सिगनल से ही होती है।
करंट और सिगनल में क्या अंतर होता है?
What is Difference between current and signal?
दोस्तों करंट का मतलब होता है फ्लो ऑफ़ इलेक्ट्रोन। यानी की जब किसी वायर में से इलेक्ट्रान फ्लो होते है उसी को हम करंट फ्लो होना कहते है। करंट की यूनिट एम्पियर होती है। अगर किसी वायर में से एक सेकंड के अंदर 6.25*10^18 इलेक्ट्रोन पास हो रहे है तो उस वायर में से 1 एम्पियर करंट फ्लो होती है।
वही अगर हम सिगनल की बात करे तो सिगनल का काम होता है किसी इनफार्मेशन को बताना। मतलब की सिगनल किसी इनफार्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह पहुचाता है।
जैसे की मोबाइल से रेडियो सिगनल की मदत से हम लोग किसी इनफार्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह बिना किसी वायर की मदत के पहुंचा सकते है।
उम्मीद है कि दोस्तों आपको सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे। लेकिन अगर फिर भी कोई सवाल रह जाता है, तो कमेंट में बता सकते है, और आप हमे इंस्टाग्राम पर भी अपना सवाल भेज सकते है “Electrical Dost”.
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मिलते है अगली पोस्ट में तब तक के लिए धन्यवाद 🙂
Thanks sir