आज की यह पोस्ट काफी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट होने वाली है, क्योकि आज हम बात करने वाले है, कि आखिर डीसी मोटर में कूलिंग फैन क्यों नहीं होता, जबकि AC मोटर के पीछे तो कूलिंग फैन लगा होता है?
दोस्तों DC मोटर में कूलिंग फैन क्यों नहीं लगा होता इसको अच्छे से समझने के लिए एक बार हमे मोटर में कूलिंग फैन का क्या काम होता है, यह भी पता होना चाहिए।
मोटर में फैन क्या काम करता है?
What is working of fan in motor?
दोस्तों हमारी मोटर मे जब हीट उत्पन होती है, तो फैन उस मोटर को ठंडा करने के काम आता है। अगर आसान शब्दो में कहे तो जब हमारी मोटर गर्म हो जाती है, तो उस समय फैन हवा देकर मोटर को ठंडा रखता है।
क्योकि अगर मोटर बहुत ज्यादा गर्म हो गयी, तो वाइंडिंग जलने या फिर मोटर के डेमेज होने का भी खतरा रहता है।इसलिए हम लोग मोटर में कूलिंग फैन लगाते है। लेकिन अब सवाल यह आता है कि फिर DC मोटर के बाहर कूलिंग फैन क्यों नहीं लगाया जाता?
क्या DC मोटर के अंदर कूलिंग फैन लगा होता है?
Is there a cooling fan inside a DC motor?
दोस्तों पोस्ट के स्टार्टिंग में ही आपको बता दे कि जो हमारी AC मोटर होती है, उसके बाहर कूलिंग फैन लगा रहता है। जो कि एक कवर से ढका रहता है, और मोटर को हीट होने से बचाता है।
लेकिन जो हमारी DC मोटर होती है उसमे फैन बाहर नहीं बल्कि उसके अंदर लगाया जाता है। अब कई सारे लोगो के मन यह सवाल आएगा कि DC मोटर में कूलिंग फैन अंदर क्यों लगाते है, जबकि AC मोटर में कूलिंग फैन बाहर लगाते है?
AC मोटर में कूलिंग फैन बाहर क्यों लगाते है?
Why is cooling fan used outside in AC motor?
अगर दोस्तों आपको इस सवाल का जवाब एक लाइन में देना हो तो आप यह कह सकते है, कि जो हमारी AC मोटर होती है उसमे फैन AC मोटर के स्टेटर को ठंडा करने का काम करता है।
जबकि अगर हम DC मोटर की बात करे तो उसमे कूलिंग फैन का काम होता है, रोटर को ठंडा रखना। दोस्तों अगर आपके मन में यह सवाल आ रहा है कि आखिर ऐसा क्यों है, कि हम DC मोटर के तो रोटर को कूलिंग देते है, जबकि AC मोटर में हम लोग स्टेटर को ठंडा करते है?
दोस्तों अगर आप इलेक्ट्रिकल बैकग्राउंड से हो तो आपको यह समझना काफी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है। जो हमारी AC मोटर होती है उसमे हम लोग AC सप्लाई देते है। हम मोटर के स्टेटर पर वाइंडिंग करते है और इस वाइंडिंग को हम लोग सप्लाई से जोड़ देते है।
दोस्तों इस स्टेटर के साथ हमने जो सप्लाई जोड़ी है वो AC सप्लाई होती है और AC कि ख़ास बात यह होती है कि इसका मैगनीटुय्ड समय के साथ चेंज होता है। जैसा कि आप नीचे इमेज में देख सकते है कि करंट कुछ समय ऊपर कि तरफ जा रहा होता है उसके बाद कुछ समय नीचे कि तरफ जा रहा है।
एक बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए: जब कभी वायर में से करंट फ्लो होती है तो करंट फ्लो होने से उस वायर के आस पास एक मैगनेटिक फिल्ड उत्पन हो जाता है। यह मैगनेटिक फिल्ड भी दो तरह की होती है।
1) चेंजिंग मैगनेटिक फिल्ड यानी कि हमारी मैगनेटिक फिल्ड समय के साथ चेंज हो रही है।
2) फिक्स मैगनेटिक फिल्ड, यानी कि मैगनेटिक फिल्ड फिक्स है, उसमे कोई चेंज नहीं होता।
लेकिन दोस्तों हमारा मुख्य सवाल था की आखिर हम AC मोटर के स्टेटर को ठंडा क्यों करते है। इसको समझने से पहले दोस्तों आपको यह समझना जरुरी है की AC मोटर काम कैसे करती है।
AC मोटर की वर्किंग?
Working of AC motor?
तो AC मोटर के स्टेटर में जो करंट फ्लो होती है, वो AC करंट होती है। AC करंट समय के साथ चेंज होती है। इस चेंजिंग करंट के कारण वायर के आस पास जो हमारा मैगनेटिक फिल्ड उत्पन हुआ है, वो भी समय के साथ चेंजिंग होता है। अब दोस्तों यह जो चेंजिंग मैगनेटिक फिल्ड है, अगर यह किसी कंडक्टर मेटल के सम्पर्क में आता है। तो उस कंडक्टर में एक EMF उत्पन हो जाता है। EMF का मतलब होता है वोल्टेज। यानी कि एक वोल्टेज उत्पन हो जाता है।
दोस्तों अगर आपने फैराडे के नियम के बारे में सुना है, तो फैराडे का नियम हमे इसी बात को बताता है, कि जब कभी कोई चेंजिंग मैगनेटिक फिल्ड किसी कंडक्टर के साथ लिंक करता है तो उस कंडक्टर में एक EMF उत्पन होगा यानी कि वोल्टेज उत्पन होगा और उस कंडक्टर में से कुछ मात्रा में करंट फ्लो होने लगेगी। यह जो करंट फ्लो होता है इसको हम लोग एड्डी करंट बोलते है। अगर आपको अभी भी समझ में नहीं आया तो चलिए एक आसान से उदाहरण से समझ लेते है।
उदारण: मान लेते है कि हमारे पास एक कोइल है, जिसमे AC करंट फ्लो हो रहा है। अब इस कोइल के आस पास भी मैगनेटिक फिल्ड उत्पन हो जाएगा। यह मैगनेटिक फिल्ड समय के साथ चेंजिंग होगा और जब इसके आस-पास कोई कंडक्टर या फिर कोई दूसरी कोइल ले कर जाते है तो ये मैगनेटिक फिल्ड इस कंडक्टर से लिंक कर जाएगा और उस कंडक्टर में एक EMF उत्पन हो जाएगा।
जैसे की आप ऊपर इमेज में देख सकते है, की पहली कोइल में चेंजिंग फ्लक्स उत्पन होता है। यह फ्लक्स दूसरी कोइल के साथ लिंक करता है, जिस वजह से दूसरी कोइल में एक EMF उत्पन हो जाता है और एक करंट फ्लो होने लगती है, जिसको हम एड्डी करंट कहते है।
जब यह एड्डी करंट हमारे कंडक्टर में से फ्लो होता है तो इस एड्डी करंट के कारण हमारे कंडक्टर में हीटिंग होने लगती है।
अब अगर हम AC मोटर कि बात करे तो उसमे स्टेटर कि वाइंडिंग में से AC करंट फ्लो होती है। जब यह करंट स्टेटर के साथ लिंक करती है तो स्टेटर में एक EMF उत्पन हो जाता है और एड्डी करंट फ्लो होने लगती है। इस एड्डी करंट के कारण स्टेटर गर्म होने लगता है। इसलिए हीटिंग को कम करने के लिए और मोटर के स्टेटर को ठंडा रखने के लिए हम लोग हमारे AC मोटर के बाहर कि तरफ कूलिंग फैन लगाते है।
लेकिन दोस्तों इतनी सारी बात करने के बाद अब सवाल आता है कि आखिर DC मोटर के बाहर वाली साइड फैन न लगाकर अंदर वाली साइड फैन क्यों लगाते है।
DC मोटर में कूलिंग फैन अंदर क्यों लगाते है?
Why is cooling fan used inside in Dc motor?
दोस्तों जो हमारी DC करंट का मैगनीटुय्ड होता है, उसकी डायरेक्शन समय के साथ चेंज नहीं होती। जैसा कि आप नीचे इमेज में देख पा रहे हो कि DC करंट का डायरेक्शन हमेशा एक ही दिशा में रहता है। इसलिए DC करंट कि वजह से जो मैगनेटिक फिल्ड उत्पन होता है वो भी चेंजिंग नहीं होता है।
अगर हम हमारी DC मोटर कि बात करे तो उसमे जब स्टेटर को DC करंट देते है तो उसकि वाइंडिंग में एक मैगनेटिक फिल्ड उत्पन होता है। यह मैगनेटिक फील्ड समय के साथ चेंज नहीं होता। जब यह मैगनेटिक फिल्ड के साथ स्टेटर लिंक करता है, तो स्टेटर में कोई EMF उत्पन नहीं होता और ना ही कोई एड्डी करंट फ्लो होती, क्योकि फैराडे का नियम यह कहता है कि अगर चेंजिंग मैगनेटिक फिल्ड कंडक्टर के साथ लिंक करता है तो ही उसमे EMF उत्पन होगा। लेकिन Dc के केस में तो हमारी मैगनेटिक फिल्ड चेंज नहीं होती है। इसलिए स्टेटर में कोई EMF उत्पन नहीं होगा।
अगर EMF उत्पन नहीं होगा तो एड्डी करंट फ्लो नहीं करेगी। अगर एड्डी करंट नहीं होगी तो हमारा स्टेटर भी गर्म नहीं होगा। इसलिए हमे DC मोटर के स्टेटर को ठंडा करने कि कोई जरुरत नहीं होती। लेकिन अब सवाल यह आता है कि आखिर हम रोटर को क्यों ठंडा करते है।
DC मोटर के रोटर को ठंडा क्यों करते है?
Why Rotor is Cooled in DC motor?
दोस्तों DC मोटर के अंदर रोटर के साथ कम्यूटेटर जुडा होता है। कम्यूटेटर का काम होता है करंट कि डायरेक्शन को चेंज करते रहना। भले ही दोस्तों हम लोग हमारी मोटर को DC सप्लाई दे रहे हो लेकिन यह करंट रोटर में कम्यूटेटर से होकर जाती है। जब यह करंट कम्यूटेटर में से जाती है तो कम्यूटेटर करंट की डायरेक्शन बार बार चेंज कर देता है। यानी कि आप यह कह सकते हो कि कम्यूटेटर DC करंट को AC करंट में बदल देता है।
इसलिए इस AC करंट कि वजह से जो मैगनेटिक फिल्ड उत्पन होता है वो भी समय के साथ चेंजिंग होता है। जब इस चेंजिंग फिल्ड के साथ कंडक्टर लिंक करता है तो उसमे EMF उत्पन हो जाता है, और एड्डी करंट फ्लो होने लगती है।
इसलिए हमारे रोटर में एड्डी करंट के कारण हीटिंग होने लगती है, और हमे रोटर को ठंडा करने के लिए कूलिंग फैन कि जरुरत पड़ती है।
अगर दोस्तों आपको यह बात एक लाइन में बतानी हो तो आप कह सकते है कि जो हमारी AC मोटर होती है, उसके स्टेटर कि वाइंडिंग में से AC करंट फ्लो होता है। AC करंट के कारण जो मैगनेटिक फिल्ड होता है वो समय के साथ चेंजिंग होता है। जब यह मैगनेटिक फिल्ड मेटल के साथ लिंक होता है तो उसमे EMF उत्पन हो जाता है जिसके कारण उसमे एड्डी करंट फ्लो होने लगता है, जिस कारण से कंडक्टर में हीटिंग होने लगती है।
लेकिन वही अगर हम लोग DC मोटर कि बात करे तो उसमे स्टेटर वाइंडिंग में DC करंट फ्लो होता है। DC करंट के कारण जो मैगनेटिक फिल्ड उत्पन होता है वह मैगनेटिक फिल्ड समय के साथ चेंजिंग नहीं होता। जब यह मैगनेटिक फिल्ड कंडकटर से लिंक करता है तो कोई EMF उत्पन नहीं होता।
लेकिन उसके रोटर के साथ जो कम्यूटेटर जुड़ा होता है वो DC को AC में बदल देता है। इसलिए AC करंट कि वजह से जो मैगनेटिक फिल्ड उत्पन होता है वो समय के साथ चेंजिंग होता है। जब इस चेंजिंग फिल्ड के साथ कोई कंडक्टर लिंक करता है तो उसमे EMF उत्पन हो जाता है, और एड्डी करंट फ्लो होने लगती है। और हमारा रोटर हीट होने लगता है।
इस कारण दोस्तों हमे AC मोटर में स्टेटर को ठंडा करने के लिए बाहर कि तरफ कूलिंग फैन लगाना पड़ता है। और वही DC के अंदर रोटरको ठंडा करने क लिए अंदर कि तरफ कूलिंग फैन लगाना पड़ता है।
उम्मीद है कि दोस्तों आपको सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे। लेकिन अगर फिर भी कोई सवाल रह जाता है, तो कमेंट में बता सकते है, और आप हमे इंस्टाग्राम पर भी अपना सवाल भेज सकते है “Electrical Dost”.
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मिलते है अगली पोस्ट में तब तक के लिए धन्यवाद 🙂