आज की इस पोस्ट के अंदर हम वायरिंग से रिलेटेड बात करने वाले है। यह पोस्ट इलेक्ट्रीशियन के लिए काफी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट होने वाली है, क्योकि इलेक्ट्रीशियन से हर बार इंटरव्यू में सबसे ज्यादा सवाल वायरिंग से रिलेटेड ही पूछे जाते है। इन सभी सवालों में सबसे ज्यादा पूछे जाने वाला सवाल यह आ जाता है कि आखिर वायरिंग कितने प्रकार की होती है?
दोस्तों हम सभी को वायरिंग के टाइप के साथ-साथ यह भी पता होना चाहिए की वायरिंग के जो टाइप बांटे जाते है, वो किन किन फैक्टर को ध्यान में रखकर बांटे जाते है?
वायरिंग करते समय कौनसे फैक्टर ध्यान में रखने चाहिए?
Which Factor consider before doing Wiring?
- Durability: वायरिंग के अंदर सबसे पहले हम उसकी durability को देखते है। Durability का मतलब होता है की जहा हमने वायरिंग की है, क्या वो वायरिंग उस जगह के लोड को झेल सकती है। कहीं ऐसा ना हो की लोड जोड़ते ही हमारी वायरिंग जल जाये या फिर डेमेज हो जाए। इसलिए वायरिंग करते वक़्त हमे durability का ध्यान रखना बहुत जरुरी है।
- Safety: दोस्तों वायरिंग करते वक़्त safety भी एक इम्पोर्टेन्ट फैक्टर होता है। वायरिंग करते वक़्त ध्यान रखना चाहिए की कभी किसी व्यक्ति को करंट ना लग जाए, बारिश या फिर मॉइस्चर के कारण हमारी करंट लीक न होने लग जाए। इन सभी चीज़ो का वायरिंग करते वक़्त मुख्य रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए।
- Appearance: इसका मतलब होता है की हमने जो वायरिंग की है, वो दिखने में कैसी है। कही वो देखने में बहुत ज्यादा गन्दी तो नहीं लग रही। अगर हम वायरिंग को अच्छे से फिनिशिंग नहीं देंगे तो वो हमारे पुरे लुक को खराब कर देगी इसलिए वायरिंग के समय Appearance भी एक इम्पोर्टेन्ट फैक्टर हो जाता है।
- Cost: दोस्तों हमारा अगला इम्पोर्टेन्ट फैक्टर आता है कॉस्टिंग। हमने जो वायरिंग की है वो किसी दूसरी वायरिंग से महंगी तो नहीं पड़ रही। तो हमे वायरिंग के समय कॉस्टिंग का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
- Accessibility: दोस्तों वायरिंग करते वक़्त यह ध्यान रखना है, की हम जो वायरिंग के साथ प्लग और सॉकेट कनेक्ट करने वाले है, उनको आसानी से एक्सेस कर सके, हमारे प्लग ज्यादा ऊपर तो नहीं है, या फिर वो ऐसी जगह पर तो नहीं है जहां पर हम उनको उपयोग ही नहीं कर सकते। साथ में ही दोस्तों अगर हमे भविष्य में सॉकेट की लोक्शन को चेंज करना है तो उनको आसानी से चेंज कर सकते है या फिर नहीं कर सकते।
- Maintenance: आखरी में आता है हमारा मेन्टेनन्स कॉस्ट। मेन्टेनन्स कॉस्ट के अंदर कई सारी चीज़े आ जाती है- जैसे की हमारी कोई वायरिंग खराब हो गयी, उसको रिपेयर करना या फिर हमारी वायरिंग काफी पुरानी हो गयी है उसको चेंज करना पॉसिबल हो, कहीं हमे रिपेयर करना ज्यादा महंगा तो नहीं पड़ रहा। यह सब चीज़े भी वायरिंग के समय ध्यान में रखना जरुरी है।
तो दोस्तों अभी हमने ऊपर जो फैक्टर देखे वो काफी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है। इन सभी फैक्टर को वायरिंग करते वक़्त ध्यान में रखना काफी ज्यादा जरुरी है। अब हम हमारे मुख्य सवाल पर जाते है कि वायरिंग कितने प्रकार की होती है?
वायरिंग कितने प्रकार की होती है?
Types of wiring?
दोस्तों हमारी वायरिंग मुख्य चार प्रकार की होती है।
- cleat wiring
- batten wiring
- conduit wiring
- casing capping wiring
Cleat wiring:
दोस्तों अगर हम क्लीट-वायरिंग की बात करे तो इसे आप टेम्पररी यूज़ होने वाली वायरिंग बोल सकते है। क्लीट-वायरिंग को हम बड़े ही आसानी से कर सकते है और इसको हम लोग काफी कम कीमत में कर सकते है। क्लीट-वायरिंग के अंदर हम लोग एक क्लीट का उपयोग करते है। जैसा की आप निचे फोटो में देख पा रहे है।
क्लीट को हम दिवार पर कही टंगा सकते है। इस क्लीट की एक स्पेशल स्ट्रक्चर होती है जिसके अंदर हम वायर को फिट कर सकते है जिसके बाद इस क्लीट को बंद कर देते है। इस क्लीट को बंद करने के बाद वायर पूरी तरह से लॉक हो जाती है। हम लोग कई सारी क्लीटो को 60-60 cm दुरी पर लगाते है। इस तरह से हम लोग हमारी क्लीट वायरिंग करते है।
क्लीट वायरिंग के फायदे और नुकसान
Advantage and Disadvantage of cleat wiring
S.NO | फायदे | नुकसान |
1 | क्लीट-वायरिंग टेम्परेरी उपयोग के लिए की जाती है। जैसे की शादियों में मैलो में आदि। | क्लीट-वायरिंग देखने में काफी खराब लगती है। |
2 | क्लीट-वायरिंग को करना काफी आसान होता है और यह सस्ती भी होती है। | क्लीट-वायरिंग परमानेंट उपयोग नहीं कर सकते क्योकि कुछ समय बाद सैग या फिर कनेक्शन ढीले हो सकते है। |
3 | क्लीट-वायरिंग के अंदर वायर ओपन होते है तो अगर कभी फाल्ट आता है तो उस समय आसानी से देख सकते है और फाल्ट सही कर सकते है। | क्लीट-वायरिंग के अंदर वायर ओपन होता है जिस वजह से आग लगने का खतरा रहता है। |
Batten wiring:
दोस्तों बेटन-वायरिंग पुराने टाइप की वायरिंग होती है। जब हमारी conduit और capping वायरिंग नहीं आयी थी। उस समय हम लोग बैटन वायरिंग उपयोग करते थे। दोस्तों जहां पर भी हमे वायरिंग करनी होती है उस जगह पर हम एक लकड़ी के फट्टे को लगा देते है।
अब उस फट्टे पर हम हमारी वायर को एक पिन की मद्त से फिक्स या लॉक कर देते है ताकि वायर इदर-उदर ना निकले। जैसा की आप ऊपर फोटो में देख सकते है।
बेटन-वायरिंग के फायदे और नुकसान
Advantage and Disadvantage of Batten wiring
S.NO | फायदे | नुकसान |
1 | बेटन-वायरिंग को कंडुएट और कैपिंग वायरिंग के मुकाबले करना काफी आसान है । | बेटन-वायरिंग इंडस्ट्रीज या फिर नमी वाले एरिया में उपयोग नहीं कर सकते क्योकि वायर ओपन होते है इसलिए वो केमिकल रियेक्ट कर सकते हो जिससे उनकी लाइफ कम हो जाती है। |
2 | बेटन-वायरिंग बाकी वायरिंग से सस्ती होती है। | बेटन-वायरिंग के अंदर आग का खतरा रहता है, क्योकि ये लकड़ी के फट्टे पर की जाती है जो आग को बहुत जल्दी पकड़ लेता है। |
3 | बेटन-वायरिंग स्ट्रांग और काफी समय तक चलने वाली वायरिंग है। | बेटन-वायरिंग के अंदर भारी और मोटे वायर उपयोग नहीं कर सकते। |
conduit wiring: दोस्तों कंडुएट-वायरिंग के अंदर हम लोग पाइप का उपयोग करते है वायरिंग करने के लिए। आपने कई बार अपने घरो में या फिर जहां पर भी नया मकान बन रहा है उसमे देखा होगा की प्लास्टिक की पाइप को दीवारों के अंदर लगाया जाता है वायरिंग करने के लिए। दोस्तों जिस वायरिंग में हम ऐसी पाइप का उपयोग करते उसको हम कंडुएट-वायरिंग कहते है। दोस्तों हम दो प्रकार की पाइप उपयोग में लेते है।
- PVC
- Steel
दोस्तों ज्यादातर हम लोग PVC पाइप का ही उपयोग करते है क्योकि स्टील काफी महंगा पड़ जाता है। लेकिन कई लोग कुछ जगह पर तो स्टील का उपयोग करते है पर कुछ जगह पर PVC पाइप का उपयोग कर लेते है। जैसे की हमारी छतो में तो स्टील की पाइप ले लेते है और दीवारों पर PVC पाइप का उपयोग करते है। दोस्तों कंडुएट-वायरिंग तीन प्रकार की होती है। आपको इन तीनो के बारे में पता होना जरुरी है क्योकि आज के समय कंडुएट-वायरिंग काफी ज्यादा उपयोग में ली जाती है।
- Surface conduit wiring
- Concealed conduit wiring
- Semi concealed conduit wiring
Surface conduit: दोस्तों आपने कई बार गावों या फिर किसी पुराने घरो में देखा होगा की, हम लोग हमारी पाइप को सीधा दिवार के ऊपर ही लगा देते है और उन्हें ऊपर से क्लिप से फिक्स कर देते है ताकि पाइप इधर उधर हिले ना।
Concealed conduit wiring: इस वायरिंग के अंदर हम लोग पाइप को दिवार के अंदर लगाते है या फिर छत के अंदर ही दबा देते है और ऊपर से पैक कर देते है।
Semi concealed conduit wiring: इसके अंदर हम लोग RCC के अंदर पाइप को लगाते है लेकिन दीवारों के ऊपर से पाइप को बाहर निकालते है। मतलब की आदि जगह तो हमने पाइप को अंदर रखा आदि जगह बाहर रखा।
कंडुएट वायरिंग के फायदे और नुकसान
Advantage and Disadvantage of conduit wiring
S.NO | फायदे | नुकसान |
1 | कंडुएट-वायरिंग एक सेफ वायरिंग होती है क्योकि इसमें न ही तो केमिकल का कोई प्रभाव पड़ता है न ही बाहरी वातावरण का। | कंडुएट-वायरिंग को करना बहुत ज्यादा महंगा पड़ता है। |
2 | कंडुएट-वायरिंग के अंदर शॉक का कोई ख़तरा नहीं होता। | कंडुएट-वायरिंग के अंदर हम लोग सॉकेट की लोकेशन को चेंज नहीं कर सकते। |
3 | कंडुएट-वायरिंग के अंदर न ही तो वायरिंग डेमेज होती है ना ही आग लगने का ख़तरा रहता है। | कंडुएट-वायरिंग को करना काफी ज्यादा काम्प्लेक्स और हार्ड होता है। |
4 | कंडुएट-वायरिंग के अंदर पुराने वायर को रीप्लेस(बदलना) काफी आसान होता है। | लेकिन कंडुएट-वायरिंग के अंदर फाल्ट को ढूढ़ना काफी मुश्किल होता है। |
5 | कंडुएट-वायरिंग का लुक बाकी वायरिंग के मुकाबले काफी अच्छा होता है। | कंडुएट-वायरिंग के अंदर भविष्य में कोई अलग से प्लग या फिर वायरिंग को आगे बढ़ाना काफी मुश्किल होता है। |
Casing and capping wiring: इस वायरिंग के अंदर हमारी दो चीज़े होती है एक होती है कैपिंग और एक होती है केसिंग। केसिंग, जैसे की नालिया। और कैपिंग होता है, इसका ड़कन।
सबसे पहले हम लोग केसिंग के अंदर हमारी पाइप को दाल देते है फिर उसको ऊपर से ढक देते है।
कैपिंग-केसिंग वायरिंग के फायदे और नुकसान
Advantage and Disadvantage of casing and capping wiring
S.NO | फायदे | नुकसान |
1 | बेटन और क्लीट वायरिंग के मुकाबले कैपिंग-केसिंग वायरिंग का लुक अच्छा होता है। | कैपिंग-केसिंग वायरिंग के अंदर आग लगने का ख़तरा रहता है, क्योकि ये दिवार के ऊपर होती है। |
2 | कैपिंग-केसिंग वायरिंग की लाइफ लगभग बीस साल होती है। | कैपिंग-केसिंग वायरिंग बेटन और क्लीट वायरिंग के मुकाबले महंगी पड़ती है। |
3 | कैपिंग-केसिंग वायरिंग कंडुएट-वायरिंग के मुकाबले आसानी से कर सकते है। | कैपिंग-केसिंग वायरिंग का लुक कंडुएट-वायरिंग के मुकाबले ज्यादा अच्छा नहीं होता। |
उम्मीद है कि दोस्तों आपको सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे। लेकिन अगर फिर भी कोई सवाल रह जाता है, तो कमेंट में बता सकते है, और आप हमे इंस्टाग्राम पर भी अपना सवाल भेज सकते है “Electrical Dost”.
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मिलते है अगली पोस्ट में तब तक के लिए धन्यवाद 🙂