नमस्कार दोस्तों आज के पोस्ट के अंदर हम बात करने वाले है की इलेक्ट्रिकल पावर जनरेशन में केवल थ्री फेज का ही इस्तेमाल क्यों करते है फोर, फाइव या फिर सिंगल फेज का इस्तेमाल क्यों नहीं करते।
अगर आपसे इलेक्ट्रिकल इंटरव्यू में पूछा जाता है की इलेक्ट्रिकल पावर जनरेशन में केवल थ्री फेज का ही इस्तेमाल क्यों करते है? तो आप सिम्पली एक लाइन में बोल सकते है की हमने इलेक्ट्रिकल पावर जनरेशन में सिंगल फेज टू फेज, फोर या फिर फाइव फेज का उपयोग नहीं करते, केवल थ्री फेज को ही काम में लेते है, इसके पीछे दो कारण है।
- थ्री फेज सिस्टम सबसे ज्यादा Efficient होता है।
- थ्री फेज सिस्टम बाकी फेज सिस्टम के मुकाबले ज्यादा इकोनॉमिकल होता है।
दोस्तों अगर आपसे इंटरव्यू में पूछ लिया जाए की कैसे थ्री फेज सिस्टम दूसरे फेज सिस्टम जैसे की सिंगल फेज, फोर फेज आदि, इनके मुकाबले ज्यादा Efficient और इकोनॉमिकल होता है। तो आपको क्या उत्तर देना सही होगा, उसके लिए आपको थ्री फेज सिस्टम और बाकी सभी फेज सिस्टम के बिच अंतर पता होना चाहिए। तो चलिए एक एक करके सभी फेज सिस्टम को थ्री फेज सिस्टम से तुलना करके अंतर जान लेते है।
सिंगल फेज और थ्री फेज में क्या अंतर होता है?
What is Difference between single phase and three phase?
दोस्तों अगर सिंगल फेज और थ्री फेज सिस्टम की बात करे, तो हम सभी लोगो को यह पता होना चाहिए की, अगर हम हमारे सिंगल फेज से इलेक्ट्रिकल पावर ट्रांसमिशन करते है तो ट्रांसमिशन करने के लिए हमे दो कंडक्टर वायर की जरूरत होती है। एक वायर फेज और एक वायर न्यूट्रल होता है। सिंगल फेज के अंदर हम बिना न्यूट्रल वायर के पावर ट्रांसफर नहीं कर सकते।
अगर वही हम थ्री फेज की बात करे तो ट्रांसमिशन के लिए हमे टोटल तीन फेज वायर R,Y,B. की जरुरत होती है। थ्री फेज के अंदर तीन वायर से सिंगल फेज की तुलना में तीन गुना ज्यादा पावर भेज सकते है।
अगर हम इतनी पावर को सिंगल फेज से भेजना चाहे, तो उसके लिए हमे 6 कंडक्टर की जरुरत पड़ेगी। क्योकि सिंगल फेज के अंदर हमे हर फेज वायर के साथ एक न्यूट्रल वायर भी जोड़ना पड़ता है। यानि की हमारे तीन फेज और उनके साथ तीन न्यूट्रल तो टोटल 6 कंडक्टर की जरुरत पड़ेगी।
अब अगर हम 6 कंडक्टर का उपयोग करते है, तो उससे हमे तीन नुकसान देखने को मिलते है।
- 6 कंडक्टर के उपयोग से हमारे कॉस्ट बहुत ज्यादा बढ़ जायेगी, जिससे हमारा सिस्टम इकोनोमिकल नहीं रहेगा।
- 6 कंडक्टर के कारण हमारा वोल्टेज ड्राप भी काफी बढ़ जाता है। क्योकि हमारे 6 वायर का रेजिस्टेंस भी 6 गुना हो जाएगा जो की 6 गुना ज्यादा वोल्टेज ड्राप करेगा। लेकिन थ्री फेज सिस्टम के अंदर हम केवल तीन वायर का ही उपयोग करते है, इसलिए हमारा रेजिस्टेंस भी कम होगा तो वोल्टेज ड्राप भी कम होगा।
- दोस्तों 6 कंडक्टर होने के कारण हमारे ट्रांसमिशन लोस्स(I2R) भी बढ़ जाते है। तो अगर हम थ्री फेज सिस्टम का उपयोग करते है तो हमारे कंडक्टर भी आधे हो जाएंगे जिससे ट्रांसमिशन लोस्स भी आधे हो जायेंगे।
दोस्तों हमने अभी यह तो बात कर ली की सिंगल फेज और थ्री फेज में क्या अंतर होता है और सिंगल फेज की जगह थ्री फेज क्यों उपयोग करते है। अब हम बात कर लेते है थ्री फेज और टू फेज की बिच क्या अंतर है और हम थ्री फेज की जगह टू फेज सिस्टम को सलेक्ट क्यों नहीं करते?
टू फेज और थ्री फेज में क्या अंतर होता है?
What is Difference between Two phase and three phase?
दोस्तों अगर हम टू फेज की बात करे तो टू फेज से ट्रांसमिशन करने के लिए हमे तीन कंडक्टर वायर की जरूरत पड़ती है। दो वायर फेज के और एक वायर न्यूट्रल का।
टू फेज से हम लोग सिंगल फेज के मुकाबले दो गुना पावर ट्रांसमिट कर पाते है। टू फेज में तीन कंडक्टर उपयोग में लिए जाते है वही अगर हम थ्री फेज की बात करे तो उसमे हम लोग सिंगल फेज के मुकाबले तीन गुना पावर ट्रांसमीट कर सकते है और थ्री फेज में तीन कंडक्टर वायर उपयोग करते है।
क्योकि दोस्तों थ्री फेज के अंदर हमे न्यूट्रल को भेजने की जरूत नहीं पड़ती जबकि टू फेज के अंदर हमे न्यूट्रल वायर भी जोड़ना पड़ता है। यह एक मुख्य कारण है की हमने दो फेज की जगह थ्री फेज को इलेक्ट्रिकल पावर ट्रांसमिशन के लिए उपयोग में लिया।
दोस्तों, अब आपके लोगो के मन में यह सवाल आ रहा होगा की फिर हम थ्री फेज से ऊपर जैसे की फोर फेज या फाइव फेज का उपयोग क्यों नहीं करते। दोस्तों आपको यह सवाल सुनने में काफी मुश्किल लग रहा होगा लेकिन हम आपको बिलकुल सरल तरीके से समझा देंगे ताकि बाद में भी अगर आपसे इंटरव्यू या एग्जाम में पूछा जाए तो आप आसानी से जवाब दे पाए।
थ्री फेज से ज्यादा फेज क्यों नहीं लेते?
Why more then 3 phase not taken?
ध्यान दे: थ्री फेज के निचे जितने भी फेज होते है, जैसे की सिंगल फेज या टू फेज तो उनमे हमें फेज वायर के साथ न्यूट्रल वायर को भी लेना पड़ता है। लेकिन थ्री फेज या इससे ऊपर के फेज में हमे न्यूट्रल वायर की जरूरत नहीं पड़ती। क्योकि हमारा थ्री फेज से ऊपर के सिस्टम की प्रकर्ति ही ऐसी होती है की उसमे न्यूट्रल वायर की जरूरत नहीं पड़ती।
दोस्तों अब सवाल यह आता है की फोर फाइव या फिर सिक्स फेज में न्यूट्रल वायर की भी जरुरत नहीं है और हम थ्री फेज के मुकाबले ज्यादा पावर भी भेज सकते है, फिर भी हम लोग फोर फाइव या फिर सिक्स फेज को उपयोग ना करके केवल थ्री फेज को ही इलेक्ट्रिकल पावर जनरेशन और ट्रांसमिशन में उपयोग क्यों करते है।
इसका कारण सिंपल सा है दोस्तों की जब हम सिंगल फेज और टू फेज से थ्री फेज पर शिफ्ट हुए तो उसके हमे दो फायदे देखने को मिले।
- ट्रांमिशन लोस्स 50% कम हो जाते है। यानि की थ्री फेज के अंदर सिंगल फेज और टू फेज के मुकाबले 50% कम ट्रांसमिशन लोस्स होते है।
- ट्रांसमिशन वोल्टेज ड्राप भी आधे यानि की 50% हो जाते है।
लेकिन दोस्तों जब हम थ्री फेज के ऊपर जैसे की चार पांच या छ फेज पर गए तो हमने देखा की हमे जो सिंगल और टू फेज से थ्री फेज पर जाने से जो फायदे मिल रहे थे वो हमे थ्री फेज से फोर फाइव या फिर सिक्स फेज पर जाने से नहीं मिल रहे।
जैसे की अगर हम थ्री फेज की जगह अगर फाइव फेज से ट्रांसमिशन करे तो उसमे हमे फाइव कंडक्टर वायर की जरूरत पड़ेगी। फाइव फेज से थ्री फेज के मुकाबले 2 गुना ज्यादा पावर ट्रांसमिट कर पाएंगे। लेकिन अगर हम अलग फायदे की बात करे जैसे की :
वोल्टेज ड्राप या फिर ट्रांसमिशन लोस्स उनमे कोई कमी नहीं होती। दोस्तों हमे कोई अलग से फायदा तो नहीं मिला लेकिन ज्यादा फेज लेने के कारण हमारा सिस्टम बहुत ज्यादा काम्प्लेक्स हो गया।
यानी अगर हम तीन कंडक्टर की जगह चार पांच या छ कंडक्टर से ट्रांमिशन करे तो हमारा सिस्टम और ज्यादा काम्प्लेक्स हो जाता इसके अलावा हमारे सिस्टम की कॉस्ट भी काफी ज्यादा बढ़ जाती। क्योकि अगर हम पांच फेज लेंगे तो उसमे ट्रांसफार्मर के लिए भी पांच वाइंडिंग लेनी पड़ेगी, इसके अलावा सर्किट ब्रेकर में भी अलग से सिस्टम जोड़ना पड़ेगा।
मतलब की सारी चीज़े एक्स्ट्रा से जोड़नी पड़ेगी जिस वजह से हमारा ट्रांमिशन कॉस्ट बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। दोस्तों हमे कॉस्ट बढ़ने से भी इतनी ज्यादा प्रॉब्लम नहीं है, अगर हमे कुछ एक्स्ट्रा बेनिफिट मिलते है। हम सब लोग यही चाहते है की अगर हम कुछ एक्स्ट्रा खर्च कर रहे है तो हमे कुछ एक्स्ट्रा बेनिफिट भी मिलने चाहिए।
लेकिन दोस्तों अगर हम थ्री फेज के ऊपर किसी फेज में जाते है तो हमे कोई एक्स्ट्रा बेनिफिट देखने को नहीं मिलते, और हमारी कॉस्ट भी ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए हम लोग थ्री फेज को ही इलेक्ट्रिकल पावर जनरेशन में उपयोग करते है, ताकि हमारा सिस्टम कॉप्लेक्स न हो और कॉस्ट भी कम से कम हो।
तो दोस्तों उम्मीद है की अब आपको पता चल गया होगा की आखिर थ्री फेज पर ही इलेक्ट्रिकल पावर ट्रांसमिशन क्यों किया जाता है।
लेकिन अगर फिर भी कोई सवाल रह जाता है, तो कमेंट में बता सकते है, और आप हमे इंस्टाग्राम पर भी अपना सवाल भेज सकते है “Electrical Dost”
अगर आप इलेक्ट्रिकल कि वीडियो हिंदी में देखना पसंद करते है, तो आज ही हमारे चैनल को सब्सक्राइब करे “Electrical Dost”
मिलते है अगली पोस्ट में तब तक के लिए धन्यवाद 🙂