नमस्कार दोस्तों कई लोग मोटर जनरेटर और अल्टरनेटर इन तीनो के बिच कंफ्यूज हो जाते है, अगर कभी इंटरव्यू में इनके बारे में पूछ लिया जाए तो वो जवाब नहीं दे पाते। और कुछ लोग थोड़ा मोटर के बारे में बता भी देते है, लेकिन वो भी अल्टरनेटर और जनरेटर के बीच के अंतर नहीं बता पाते।
लेकिन दोस्तों अगर आप इलेक्ट्रिकल फील्ड से जुड़े हुए है, तो आपको इन तीनो के बारे में पता काफी जरूरी है। तो आज हम इस पोस्ट के अंदर इन तीनो में क्या अंतर होता है, इनके क्या क्या उपयोग होते है, और ये तीनो किस प्रिंसिपल पर काम करते है ऐसे ही बहुत सारे बेसिक सवालों पर बात करने वाले है, तो चलिए शुरू करते है।
मोटर क्या होती है?
What is Motor?
दोस्तों अगर हम बात करे की मोटर क्या होती है, तो मोटर एक सिंपल सी चीज़ है जिसको अगर हम इलेक्ट्रिकल सप्लाई देते है तो यह हमे ऑउटपुट में मैकेनिकल पावर देती है।
मतलब की हमने इसको तार से सप्लाई दिया यानी की इसको करंट वोल्टेज दिया और इसके बदले मोटर का रोटर घूमने लगा। अब ये जो रोटर घूम रहा है वो एक मैकेनिकल पावर है, और इस घूमते हुए रोटर से हम बहुत सारे काम करवा सकते है जैसे- हम हमारी चक्की को चला सकते है, आपने आज कल कई इलेक्ट्रिकल गाड़ियों में लगी हुई मोटर को देखा होगा, तो इस मोटर से हम लोग कार को भी चला सकते है।
तो अगर हमे किसी प्रकार की मैकेनिकल मूवमेंट की जरुरत है, तो हम इस मोटर से करवा सकते है। मोटर का काम आप सिंपल सा ऐसे याद रख सकते है। कि मोटर को हम इलेक्ट्रिकल सप्लाई देते है और यह हमे आउटपुट में मैकेनिकल पावर देती है।
मोटर कितने प्रकार की होती है?
What are the types of Motor?
इसके बाद अगर हम मोटर के प्रकार के बारे में जाने तो मोटर को तीन तरह से बाटा जाता है।
- Ac motor:जो मोटर Ac सप्लाई से चलती है, उसे हम AC मोटर कहते है।
- Dc motor:जो मोटर Dc सप्लाई से चलती है, उसको हम DC मोटर कहते है।
- Universal motor:और जो मोटर हमारी AC और DC दोनों सप्लाई से चलती है, उसे हम Universal मोटर कहते है।
जनरेटर क्या होता है?
What is Generator?
दोस्तों जनरेटर को समझना काफी आसान है। अगर आप सिर्फ इसका हिंदी में मतलब ही जान लोगो तो आपको आईडिया हो जायेगा की आखिर होता है जनरेटर क्या होता है?
तो दोस्तों जनरेटर का हिंदी में मतलब होता है- उत्पन करना मतलब की, जो किसी चीज़ को जनरेट करता है या फिर उत्पन करता है उसको ही हम जनरेटर कहते है। और अभी हम लोग इलेक्ट्रिकल में जनरेटर की बात कर रहे है, तो इसका मतलब हुआ की यह जनरेटर हमे इलेक्ट्रिकल की सप्लाई को जनरेट करके दे रहा है। और अब हम उस इलेक्ट्रिकल की सप्लाई से कुछ भी करवा सकते है।
अब आगे हम जनरेटर की वर्किंग को समझ लेते है, आखिर जनरेटर कैसे काम करता है।
दोस्तों जनरेटर की वर्किंग मोटर की जस्ट उलटी होती है। जनरेटर के केस में हम लोग इनपुट में मैकेनिकल पावर को देते है और ऑउटपुट में हम इलेक्ट्रिकल पावर ले लेते है। यानी कि हम हमारे जनरेटर को किसी भी तरह से घुमा रहे होते है, अब हम चाहे तो उसे हाथ से घुमा सकते है या फिर चाहे तो किसी और source से भी घुमा सकते है। बस हमे जनरेटर को मैकेनिकल पावर देना होता है मतलब उसे घूमना होता है और हमे इलेक्ट्रिकल पावर आउटपुट में मिल जाता है।
और अब इस इलेक्ट्रीकल पावर का उपयोग हम हमारे फैन चलाने, ब्लब जगाने या फिर हम चाहे तो हमारी मोटर को चलाने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
अब आगे हम मोटर और जनरेटर में अंतर को समझे तो- मोटर इलेक्ट्रिकल पावर को इनपुट में लेकर हमे आउटपुट में मैकेनिकल पावर देती है, वही जनरेटर इनपुट में मैकेनिकल पावर लेकर आउटपुट में हमे इलेक्ट्रिकल पावर देता है।
दोस्तों अब आगे एक बात यह आज जाती है की हम हमारे जनरेटर को किस तरह से मैकेनिकल पावर दे सकते है। तो आपने पहले से ही देखा होगा की पहले हैंड ऑपरेटेड जनरेटर आते थे, जिनको हमे हाथ से घुमाना पड़ता था और फिर हमे आउटपुट में इलेक्ट्रिकल सप्लाई मिलती थी।
लेकिन इसके अलावा दोस्तों जो हमारे पावर प्लांट होते है वहाँ से हमे काफी ज्यादा इलेक्ट्रिकल पावर की जरूरत होती है तो इतनी पावर को उत्पन करने के लिए हम लोग हाथ से मैकेनिकल पावर नहीं दे सकते। तो इसलिए अलग अलग पावर प्लांट में हम लोग अलग अलग तरह से मैकेनिकल पावर देते है। जैसे की जो हाइड्रो प्लांट (Hydro Power Plant) होता है उसके अंदर हम लोग हाई स्पीड से पानी को गिराकर जनरेटर को घुमाते है, और आउटपुट से इलेक्ट्रिकल सप्लाई ले लेते है।
इसी तरह से थर्मल पावर प्लांट में पहले हम कोयले को जलाकर पानी को भाँप में बदलते है फिर उस भाँप को बहुत ज्यादा प्रेशर के साथ गिराकर जनरेटर को घुमाया जाता है और इस तरह से हमे से इलेक्ट्रिकल सप्लाई मिलती है।
इसी तरह से दोस्तों अलग अलग पावर प्लांट में अलग तरह से जनरेटर को घुमाया जाता है लेकिन सभी पावर प्लांट में एक जैसे जनरेटर लगे होते है। बस उनके जनरेटर को घुमाने का तरीका अलग अलग होता है और उन तरीको के आधार पर ही हम उन पावर प्लांट नाम रखा जाता है।
इसके अलावा आपने शादियों में जो जनरेटर देखा होगा उसमे आगे एक डीज़ल इंजन लगा होता है, जो की उसके पीछे लगे जनरेटर को घूमता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी जनरेट होती है। और फिर इस इलेक्ट्रिकल सप्लाई को हम लोग हमारी जरुरत के अनुसार ट्रान्सफर कर लेते है।
अल्टरनेटर क्या होता है?
What is Alternator?
अब कुछ लोग अल्टरनेटर और जनरेटर के अंदर कंफ्यूज हो जाते है। लेकिन दोस्तों इनमे अंतर बहुत ही ज्यादा आसान होता है।
एक बात तो आपको पहले से ही पता है की हमारी जो इलेक्ट्रिकल सप्लाई होती है वो तरह की होती है।
- AC current
- DC current
अब दोस्तों ये जो AC और DC करंट है, यह दोनों अलग अलग जनरेटर से बन रहे होते है। इसलिए हमारे जनरेटर भी दो टाइप के हो जाते है।
- AC generator
- DC generator
AC generator मतलब होता है जो हमे AC सप्लाई जनरेट करके देता है। इसके अंदर जब हम लोग मैकेनिकल पावर देते है तो यह हमे आउटपुट में AC current जनरेट करके देता है।
DC generator मतलब होता है की यह हमे DC सप्लाई जनरेट करके देगा। मतलब जब हम इसके अंदर मैकेनिकल पावर देंगे और यह हमे आउटपुट में DC current जनरेट करके देगा। अब दोस्तों आप लोग बोलोगे की फिर अल्टरनेटर क्या होता है?
मोटर जनरेटर और अल्टरनेटर में क्या अंतर होता है?
What is Difference in Motor generator and alternator?
तो दोस्तों जो हमारा AC generator होता है उसे ही हम अल्टरनेटर बोलते है। अगर आपको कही पर अल्टरनेटर बोला जा रहा है तो आप उसको AC generator भी बोल सके है, क्योकि AC generator का ही दूसरा नाम अल्टरनेटर है।
अगर आप लोग AC की फुल फॉर्म देखते हो तो वह अल्टेरनेटिंग करंट होती है। इसमें से इसका आगे का नाम अलटर उठाया और जनरेटर का नेटर उठाया तो इन दोनों को मिलकर बना अल्टरनेटर। यानी की अल्टरनेटर ही AC generator होता है।
मोटर जनरेटर और अल्टरनेटर किस प्रिंसिपल पर काम करते है?
Working Principle of Motor, Generator, Alternator?
इसके अलावा दोस्तों एक इम्पोर्टेन्ट सवाल जो की काफी बार इंटरव्यू में पूछा जाता है की आखिर मोटर, जनरेटर और अल्टरनेटर किस प्रिंसिपल पर काम करते है?
तो दोस्तों आपको इसमें बिलकुल भी कंफ्यूज नहीं होना। यह तीनो एक ही प्रिंसिपल पर काम करते है।
अगर आपसे पूछा जाए तो आपको बस इतना सा बोलना की मोटर या जनरेटर फैराडे के इलेक्ट्रो मैग्नेटिक इंडक्शन पर काम करता है। आप तीनो के वर्किंग में बोल सकते है की यह तीनो ही फैराडे के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन पर काम करते है।
उम्मीद है कि दोस्तों आपको सारे सवालों के जवाब मिल गए होंगे। लेकिन अगर फिर भी कोई सवाल रह जाता है, तो कमेंट में बता सकते है, और आप हमे इंस्टाग्राम पर भी अपना सवाल भेज सकते है “Electrical Dost”
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मिलते है अगली पोस्ट में तब तक के लिए धन्यवाद 🙂
बहुत ही बढ़िया तरीके से समझा दिया सर आपने
बहुत बहुत धन्यावाद……..