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Limit Switch क्या होता है और इसकी वर्किंग

नमस्कार दोस्तो आज हम जानेंगे की Limit switch क्या होता है, Limit switch कैसे काम करता है, यह कहा पर लगाया जाता है। इसी के साथ में हम लिमिट स्विच के फायदे और नुक्सान को भी देख लेंगे।

what is limit switch hindi

Limit switch क्या होता है?

यह एक तरह का switch होता है जोकि हमारे घर में लगे normal switch के जैसा ही होता है। लिमिट स्विच की सहायता से हम इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाले किसी भी उपकरण को कंट्रोल कर सकते है।

limit switch का मुख्य काम उपकरण के physical movement को देखकर उसे कण्ट्रोल करना होता है।

limit switch uses

उदाहरण- जैसे मान लो की एक मोटर किसी वस्तु को right से left लेकर जा रही है अब अगर हमे इस वस्तु को कही पर उतारना है, तो उसके लिए हमे मोटर को रोकना होगा। तो इस समय हम मोटर को रोकने के लिए लिमिट स्विच का उपयोग कर सकते है।

Limit switch का उपयोग कहाँ किया जाता है?

लिमिट स्विच का इस्तेमाल ज्यादातर कंट्रोल सिस्टम में होता है, हमारी मशीन को आटोमेटिक करने में भी लिमिट स्विच की अपनी अलग भूमिका रहती है। limit switch का उपयोग रोबोटिक्स, CNC machines, मोटर कंट्रोल फंक्शन में भी काफी किया जाता है। इसके अलावा लिमिट स्विच का उपयोग कई जगहों पर safety के लिए भी किया जाता है।

Parts of limit switch (लिमिट स्विच के पार्ट्स)

एक limit switch के अंदर मुख्य 3 पार्ट्स होते है।

  1. Liver/actuator (लीवर/अक्चुएटर)
  1. Operating header (ऑपरेटिंग हैडर)
  1. Contact (कॉन्टेक्ट)

Liver (लिवर):- Limit Switch के लिवर को अक्चुएटर भी कहा जाता है। यह लिमिट स्विच के बाहर लगा हुआ रहता है, और header से जुड़ा हुआ होता है। लिवर ऊपर नीचे होकर काम करता है। जब कभी कोई भी वस्तु लिमिट स्विच के इस लिवर को प्रेस करती है तो उस समय लिमिट स्विच के अंदर लगे हुए कांटेक्ट ऑपरेट हो जाते है। 

लिवर/अक्चुएटर के अनुसार लिमिट स्विच तीन प्रकार के आते है।

limit switch types

  1. Roller Liver (रोलर लिवर)
  2. Spring Wire (स्प्रिंग वायर)
  3. Plunger (प्लंजर)

Operating header (ऑपरेटिंग हैडर):- लिमिट स्विच का लिवर इस ऑपरेटिंग हैडर के ऊपर ही लगा हुआ होता है, जिसके कारण  जब कभी लिवर में कोई हलचल होती है तो उस समय यह ऑपरेटिंग हैडर operate हो जाता है।

ध्यान रखे- जब लिमिट स्विच के लिवर में मोमेन्ट होगा तो उस समय यह header को कर ऑपरेट देता है। और इस तरह header के ऑपरेट होने से लिमिट स्विच के अंदर लगे NO NC कांटेक्ट भी ऑपरेट हो जाते है।

limit switch header

लिमिट स्विच के अंदर लगा स्विच जब ऑन ऑफ होता है तब हमे धीरे से एक आवाज भी सुनाई देती है। इस आवाज़ की मदद से ही हम फील्ड में काम करते समय अंदर जल्दी से पता कर लेते है की यह लिमिट स्विच सही है नहीं। अगर limit switch खराब होगा तो उसमे आपको आवाज़ सुनने को नहीं मिलेगी।

Contact (कॉन्टेक्ट):- कांटेक्ट लिमिट स्विच के अन्दर बने होते है इसकी साहयता से ही हम wiring कर पाते है। इन कांटेक्ट के अंदर ही कण्ट्रोल की वायरिंग की जाती है।

Limit switch NO NC contacts

लिमिट स्विच के अंदर मुख्य तौर पर दो प्रकार के कॉन्टेक्ट होते है। एक NO होता है और दूसरा NC होता है।

Working principle of limit switch

लिमिट स्विच की वर्किंग- लिमिट स्विच में लिवर लगा हुआ होता है। और जब उपकरण इसके टच में आता है, तो यह लिवर रोटेट हो जाता है। इसके रोटेट होने से लिमिट स्विच के अंदर लगा मिनी स्विच ऑपरेट हो जाता है।

limit switch working

लिमिट स्विच के अंदर लगे मिनी स्विच में एक NO और एक NC कांटेक्ट होता है।

NC और NO कॉन्टेक्ट्स के बीच अंतर

NC contacts- यह कॉन्टेक्ट de – energized मतलब नार्मल स्टेट में एक दूसरे से जुड़े होते है। यानी कि अगर आप मल्टीमीटर से NC कांटेक्ट को चेक करेंगे तो यह आपको close कंडीशन में मिलेंगे।

NC contact नार्मल कंडीशन में क्लोज्ड रहते है, और energized होते ही open हो जाते है।

NO contacts- वही अगर हम NO (Normally open) की बात करे तो यह कांटेक्ट de – energized स्टेट में ओपन रहते है। यानी कि अगर आप मल्टीमीटर से NO कांटेक्ट को चेक करेंगे तो आपको यह दोनों एक दूसरे से दूर दूर मिलेंगे। NO contact नार्मल कंडीशन में ओपन रहते है, और energized होते ही close हो जाते है।

अगर आप NO NC Contact में कंफ्यूज है, तो आप इंजीनियरिंग दोस्त पर NO NC के बीच अंतर की पोस्ट को पढ़ सकते है आपके सभी प्रश्न क्लियर हो जायेंगे।

यह भी पढ़े- NO NC Contact क्या है और इनमे अंतर

Limit switches लगाने के फायदे
  1. These switches are quite accurate. (लिमिट स्विच काफी एक्यूरेट होते है)
  2. Energy consumption level is low. (लिमिट स्विच का एनर्जी कंसम्पशन लेवल काफी कम होता है)
  1. Cost are effective. (इनकी कीमत भी एक सेंसर के मुकाबले काफी कम रहती है।)
  1. Can also work in outdoor environment. (लिमिट स्विच का उपयोग बाहरी वातावरण में भी किया जा सकता है।)
Limit switch के नुकसान
  1. After working for a long time, there is a scope of breakage. (लंबे समय तक काम करने के बाद इनके टूटने की गुंजाइश होती है।)
  2. Direct contact is necessary. (लिमिट स्विच वर्किंग के लिए इनका डायरेक्ट सम्पर्क होना जरूरी होता है।)
  1. If an object moves very fast, then there is a problem in detection. (अगर कोई उपकरण ज्यादा तेज स्पीड से चलता है तो उस समय लिमिट स्विच को डिटेक्ट करने में मुश्किल होती है।)
Where is the limit switch used?

Limit switch का इस्तेमाल कहाँ पर किया जाता है?

  1. To find out the presence or absence of an object. (किसी ओब्जेक्ट की presence या absence को पता करने के लिए।)
  2. In automation (ऑटोमेशन के अंदर)
  1. To find position or travel limit. (Position या ट्रेवल लिमिट पता करने में)
  1. In Speed detection (स्पीड डिटेक्शन में)

तो दोस्तो उम्मीद है आज आपके Limit Switch से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।

इंजीनियरिंग दोस्त (Engineering Dost) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂

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This Post Has One Comment

  1. Vinayak Anand nirmale

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