नमस्कार दोस्तो आशा करता हूँ, कि आपलोग मन लगाके पढ़ाई कर रहे होंगे। वैसे तो हमारे द्वारा दिये गए सारे आर्टिकल ही important होते हैं, लेकिन यह Soil moisture plant relationships टॉपिक की सरलता और इस topic का weightage इसे औरो से अलग करता है। यह topic mechanics ओर irrigation के अंदर आता है, आप से निवेदन है, कि आप आर्टिकल के अंत तक बने रहे ताकि आपके सारे doubt clear हो पाए।
आज हम पढ़ेंगे कि किसी soil को किसी crop के लिए कितना पानी देना चाहिए, soil कितना retain कर सकती है, हमे irrigation के द्वारा पानी कब देना पड़ता है ओर soil की fertility को बनाये रखने के लिए हमे क्या करना चाहिए। तो चलिए फिर शुरू करते है आज का टॉपिक।
Soil moisture क्या है
Irrigation के time जब हम soil को पानी देते हैं तो जो पानी soil के खाली स्थान में रह जाता है उसे हम soil moisture कहते हैं।
इसी पानी की मात्रा हमे बताती है कि soil गीली है, सूखी है या बहुत ज्यादा गीली है। Soil का खाली स्थान जहाँ पानी नहीं है वो air या फिर water vapour से भरा रहता है।
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Water holding capacity of soil
पानी को hold करने की capacity को soil की holding capacity कहते हैं।
Water holding capacity soil के pores पर निर्भर करती है।
Soil में 2 तरह के pores होते हैं।
1) capillary या छोटे pore
मानलो soil गीली हो गयी तो soil कुछ पानी को retain कर लेगी ओर कुछ पानी seepage के through ground water में मिल जाएगा, तो जो पानी soil ने gravity के against retain किया है अपने pores में उसे ही capillary water कहते हैं क्योंकि ये पानी capillary action से soil में retain होता है।
2) Non capillary pores
इन pores का size थोड़ा बड़ा होता है,जब soil पानी से ज्यादा गीली हो जाती है और उसके capillary pores भर जाये तो soil के non-capillary pores भी भर जाते हैं ऐसे में ये pores पानी को gravity के against रोक नहीं पाते और पानी drain हो जाता है इनसे, ये pores तबतक ही पानी होल्ड करते हैं जबतक या तो water level ground level से ऊपर हो या तो बहुत तेज बारिश हो रही हो।
Capillary pores से पानी extract करने में ज्यादा force लगाना पड़ता है plant को जबकि noncapillary pores में कम force लगाने पर ही ज्यादा पानी मिल जाता है plants को।
एक ideal soil में capillary ओर non capillary pores दोनों बराबर होने चाहिए।
Classification of soil water
- Gravitational water
ये वो पानी है जो soil के द्वारा retain नहीं हो पाता और नीचे seep कर जाता है।
- Capillary water
इसके बारे में हम ऊपर बात कर चुके हैं।
Capillary water को हम available water भी कहते हैं।
Permanent wilting point-ये moisture content की वो आखिरी limit है जिसके नीचे अगर पानी गया तो plant मर जायेगा, उसकी ग्रोथ नहींहोगी।ओर हम कभी भी permanent wilting point तक moisture content पहुचने ही नही देते उससे पहले ही हम irrigation करके soil की water content बढ़ा देते हैं।
- Hygroscopic water
Dry soil के particles के द्वार जो पानी उसके चारों तरफ absorb किया जाता है वो hygroscopic water होता है।
ये पानी किसी भी समय plant की growth के लिए available नहीं होता।
Permanent wilting point के नीचे soil में बस hygroscopic water ही रहता है।
Soil moisture tension क्या है?
क्या होता है कि soil के पास तो water रहता है पर तो पानी plant के लिए available है या नहीं वो कुछ factorsपर depend करता है जैसे मानलो soil clay है तो plant को पानी absorbकरने के लिए ज्यादा force लगाना पड़ेगा या tension लगाना पड़ेगा क्योंकि clay के pores छोटे रहते हैं,ओर अगर वही clay की जगह sand है तो वहाँ कम force लगाना पड़ेगा पानी को absorb करने के लिए, इसे ही हम tenacity कहते हैं।
अगर soil में salt present है तो plant को ज्यादा force की requirement पड़ेगी इसलिए ऐसी soil जहाँ salt की presence ज्यादा है वहाँ पहले leaching करते हैं।
Leaching एक process है जिसमे soil से salt को हटाया जाता है पहले land को पानी से भर देते हैं जिससे पानी से salt घुल जाए और फिर उसके बाद वो पानी land से बाहर निकाल देते हैं और salt भी चला जाता है इससे।
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Soil moisture constants
- Saturation capacity
जब soil के सारे pores पानी से भरे रहते हैं तो जो पानी की amount को soil retain करता है उसे saturation capacity बोलते हैं, saturation capacity पर plant को soil से पानी खींचने के लिए कोई tension नहीं लगाना पड़ता।
इसे हम maximum water holding capacity भी बोलते हैं।
- Field capacity
कोईभीsoil में पानी की मात्रा field capacity से wilting point तक गिर सकती है पर wilting point के नीचे नहीं।
Soil के द्वारा gravity के against retain किया गया पानी की maximum limit field capacity कहलाती है।
Field capacity पर non capillary pores तो खाली रहते हैं पर capillary pores पानी से भरे रहते हैं।
- Available moisture
Available moisture=field capacity -wilting point water content
- Readily available moisture
ये पानी का वो portion होता है जो plant के द्वारा सबसे पहले extract किया जाता है।
75% of available moisture readily available moisture होता है।इसे हम optimum moisture content भी बोलते हैं।
Soil moisture deficiency
ये वो पानी की जरूरत है जो उसे फिरसे field capacity तक ला सके।
Numerical form में field capacity को लिखते हैं-
Irrigation water quality
पानी मे कुछ तरह की impurity पानी की गुणवत्ता के साथ साथ plant के growth को भी affect करती हैं, तो ऐसी impurities को irrigation से पहले हटाना जरुरी है।
ये impurity हैं-
- Sediment concentration in water
- Total concentration of soluble salts in water
- Proportion of sodium ions to other cations
1 Sediment concentration
एक relative concept है अगर हमारे पास sandy soil है और उसमें आके sediment फसतेहैं तो soil की fertility बढ़ जाएगी नहीं तो घट जाएगी।
2) soluble salts की concentration
हमे पता है कि पानी मे calcium, sodium ओर potassium के salt present होते हैं, ओर इनकी जरूरत से ज्यादा मात्रा plant के लिए हानिकारक होती है।इसे हम salinity concentration भी कहते हैं।
इसे हम Cs से denote करते हैं।
Q= जो पानी हम land में दे रहे हैं।
Cu= पानी का consumptive use मतलब जो plant को growth के लिए चाहिए।
R= Rainfall से मिलने वाला पानी
Salt की concentration को हम electrical conductivity से भी बताते हैं जैसे पानी मे मौजूद salt पानी की conductivity बढ़ा देते हैं, तो जिस पानी मे जितना ज्यादा salt होंगे उतने ही ज्यादा conductivity होगी उसकी।
Electrical conductivity को हम micro mhos per cm से express करतेहैं।
Electricity conductivity | Class | Uses |
<250 | Low salinity C1 | हर तरह की SOIL पर use किया जा सकता है। |
250-750 | Medium salinity C2 | Leaching करने के बाद use किया जा सकता है। |
750-2250 | High salinity C3 | ऐसे plant पर use किया जा सकता है जो कि ज्यादा salt की amount को सोख सकते हैं। |
>2250 | Very high salinity | Irrigation नहीं कर सकते इस तरह के पानी से। |
3) Sodium ions की concentration
इसे हम sodium absorption ratio से भी जानते हैं।इसकी मात्राअगर पानी मे कम है तो इसे हम आसानी से use में ला सकते हैं मगर इस की amount ज्यादा होने पर plant मर जायेंगे।
SAR | Types of Soil | Use |
0-10 | Low sodium water S1 | हर तरह की soil पर use कर सकते हैं। |
10-18 | Medium sodium water S2 | Coarse grain soil पर इसका use कर सकते हैं। |
18-26 | High sodium water S3 | Leaching के बाद use कर सकते हैं। |
>26 | Very high sodium water S4 | Not suitable |
तो दोस्तों इस तरह से हमारा आज का यह टॉपिक खत्म होता है। आशा करता हू आज आपके Soil moisture plant relationship क्या है, salinity क्या है? और इनसे जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।
इंजीनियरिंग दोस्त (Engineering Dost) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद 🙂