नमस्कार दोस्तों हमारा आज का टॉपिक है River training। यह टॉपिक irrigation engineering के उन topic में से एक है, जिसका viva या किसी interview में बहुत ज्यादा सवाल रहता है।
आज हम जानेंगे कि river engineering क्या है, meander क्या है, cut off क्या है, river training करने का उद्देश्य क्या है, रिवर इंजीनियरिंग का classification, रिवर इंजीनियरिंग को करने के तरीके आदि। तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह topic.
River engineering और River training क्या है
जैसा कि हम जानते हैं एक नदी की उत्पत्ति पहाड़ों, पर्वतों में या ग्लेशियर में बर्फ पिघलने से होती है| जब एक नदी वहां से आकर बहती हैं तो वह अपने साथ अपार मात्रा में पानी लेकर चलती है और नदी के बहने का तरीका बहुत अव्यवस्थित होता है, पहले से हम नदी का रास्ता predict नहीं कर सकते हैं|
जब बारिश ज्यादा हो जाती है तो हम देखते हैं कि आसपास के इलाकों में जनजीवन व्यस्त हो जाता है, और पानी एक अनियंत्रित तरीके से बहता है, तो पानी आगे चलकर इस तरह के लोगों को या जनजीवन अस्त व्यस्त ना करें इसके लिए हमें रिवर इंजीनियरिंग या रिवर ट्रेनिंग से नदी को ट्रेन करते हैं। मतलब उसको समझाते हैं कि उसे किस रास्ते पर जाना है, जिससे कि विकट स्थिति में ज्यादा पानी के बहाव से होने वाले नुकसान को कम या रोका जा सके इसे ही हम रिवर इंजीनियरिंग और river training कहते हैं।
Behavior of river
River को सबसे ज्यादा कंट्रोल करने वाला पैरामीटर है discharge ओर sediment concentration, sediment जोकि नदियों के बहाव के द्वारा लाया जाता है। वह नदी में बहुत सारी problem create करता है, जैसे कि ज्यादा sediment or silt concentration होने से उसकी discharge carry की capacity कम हो जाती है। हम देखते हैं कि ज्यादातर नदियाँ naturally एक साँप जैसे आकर में बहती है, उसे ही हम meander कहते हैं।
River में discharge का flow एक particular sediment concentration पर depend करता है, sediment load अलग होने पर River उस sediment के लिए एक discharge देगी और खुद को adjust करेगी। River का यह adjustment meander के माध्यम से होता है।
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Meandering River
जब बाढ़ में नदी बहती है तोconcave side में मिट्टी का erosion होता है और convex side में मिट्टी का deposition हो जाता है जिससे कि एक slope बन जाता है और इस slope के चलते नदी में depth difference आ जाते हैं जिसके लिएturbulence को जिम्मेदार माना जाता है और इस disturbance को stabilize करने के लिए river को अपनी dimensions में change करना पड़ता है ओर यह change हमे meander के through देखने को मिलता है। एक नदी constant state में तभी flow कर सकती है जब उसके external parameter फिक्स हो जैसे उसकी width, depth, slope अगर नदी में sediment load बढ़ने से discharge में change ओर यह change आगे चलके नदी की dimension को चेंज कर देगा जिससे वो नदी में आने वाले उस sediment load के साथ नदी के discharge को support कर सके।
Cut off क्या है?
जब flow बहुत ज्यादा हो जाता है या river में monsoon में डिस्चार्ज बढ़ जाता है तो पानी meander को cross करके एक सीधी लाइन में चला जाता है और बीच मे एक cutoff area का निर्माण करता है जिसे हम island भी कहते हैं।
जहाँ meander का formation नदी की length को बढ़ाता है वही cutoffका formation नदी की length को कम करता है तो हम कह सकते हैं कि meander ओर cutoffएक दूसरे को counter balance करते हैं।
Simple definition में दोस्तों हम इसे ऐसे भी बोल सकते हैं कि-दो meanders को एक सीधी लाइन में जोड़ने वाली लाइन को कटऑफ कहते हैं।
River training objectives
- किनारो को नुकसान पहुचाये बिना ही flood के discharge को पास किया जाए।
- कई बार नदियों के ऊपर बनाए गए फुल अत्यधिक वर्षा होने के कारण पानी में डूब जाते हैं, अगर यातायात को सुचारू रूप से चलने देना है तो रिवर ट्रेनिंग की मदद से हम उस जरूरत से ज्यादाdischarge को कम कर सकते हैं।
- किनारों के erosion को रोकता है और रिवर को stabilize करने के लिए मदद करता है।
- रिवर में किसी भी समय पानी की एक minimum depth available कराता है, जिससे कि navigation की problemना हो।
- सेडिमेंट लोड का effective disposal सुनिश्चित करता है।
Classification of river training
River training के purposeको ध्यान में रखते हुए रिवर ट्रेनिंग को तीन भागों में विभाजित किया जाता है।
1 High water training
इसको बनाने काmain purpose flood को control करना है, यह रिवर में एक passage के through से डिस्चार्ज को पास करता है जिससे कि उसके आसपास का local area flood सेबच सके। इसको करने के लिए हम dykes or sleeves का कंस्ट्रक्शन करते हैं।
2 low water training
Low water training के करने का main purpose रिवर में हमेशा एक पानी की minimum depthको available कराना है जिससे कि navigationआसानी से हो सके।
3 mean water training
Mean start training को करने का main purpose disposal of suspended load है।
Methods for river training
1 Marginal embankments/levees
यह एकearthen embankment होता है जो रिवर केके parallel बनाया जाता है जिससे कोएकside से flood के direct impact से बचाया जा सके जिससे उसका erosion कम होगा।
इसे हम bund, dyke or levees भी कहते हैं|
2 Guide Bank
यह earthen embankment होता है जोflood केdischarge को confine करके एक रास्ते से निकाल देता है। यह किसी स्ट्रक्चर को बचाने के लिए बनाया जाता है और guide bank खुद flow के impact को सहन कर लेता है और हमारा bridge या flyover के structure को नुकसान नहीं पहुँचता।
यह किसी भी स्ट्रक्चर को outflank होने से बचाता है।
Guide bank बनाने के लिए पानी को एक particular area से confine करके निकलते हैं जिससे उसके flow के ऊपर control बढ़ सके।ज्यादातर हम इस flow को एक संकरे sectionसे निकलते हैं जिससेsufficient पानी की depth भी बनी रहती है जो navigation के काम मे उसे होती है औरउस जगह की पानी की depthभी बढ़ जाती है।discharge constantहोता है और पानी का रास्ता भी टेढ़ा मेढ़ा होने के बजाय एक सीधी लाइन में हो जाता है।
यह किसी रिवर और bridge के intersection पर बनाया जाता है।
3 Groynes or spurs
ये structure river के flow के perpendicularबनाया जाता है और यह river के bank से river की ओर extend करके बनाया जाता है।कई बारह इसे थोड़ा angle देके भी बनाते हैं जिससे flow की upstream या downstream की soil को erosion से बच सके।इसे हम spur dikes या transverse dikes भी बोलते हैं।यह method river training को करने में सबसे ज्यादा use किया जाता है।
4 Launching aprons
कई बार नदी या lake के बगल में कोई significant structure बनाते हैं और उसका पानी की लहरों के सामने टिका रहना भी जरूरी होता है तो हम structure के कुछ दूरी पर flow के parallel एक apron बनाते हैं जो कि पत्थर या concrete के blocks से बना हुआ हो सकता है ये हमारे structure को इम्पैक्ट से बचाता है।
तो दोस्तों इस तरह से हमारा आज का यह टॉपिक खत्म होता है। आशा करता हू आज आपके River training और उसको करने वाले methods से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।
इंजीनियरिंग दोस्त (Engineering Dost) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद 🙂