नमस्कार दोस्तो, आज का हमारा topic है। water logging क्या है और अगर soil में water logging हो गयी है तो उस soil को फिरसे fertile कैसे बनाये।Water logging एक process है जिसमे land की productivity water level high होने से affect होती है, जो कि plant की root को पानी से भर देती है, जिससे soil की root को air exchange करने की जगह नहीं मिलती औऱ वो plant मर जाता है।
इसको हम इस तरह से समझ सकते हैं जैसे किसी खेत मे पानी भर जाए तो कोई फसल की खेती तबतक नहीं कर सकते जबतक वो पानी कम न हो जाये और जमीन दिखने लगे।
Plant को survive करने के लिए पोषक तत्वों की जरूरत होती है जैसे- nitrates । Soil में मौजूद bacteria ओर plant की relationship से ही फसल की पैदावार अच्छी होती है, अगर ज्यादा पानी भरने से वो बैक्टीरिया मर जायेगा और plant की growth भी नहीं होगी और फिर कुछ time बाद वो plant मर जायेगा।
Water logging से होने वाली दूसरी समस्या
वॉटर लॉगिंग होने से land पर cultivation operation जैसे -खुदाई और जुताई करना भी मुश्किल हो जाता है, जो कि हमारे land की गुणवत्ता को खराब करता है।
जहां पर water logging होती है वहां पर salinity हमेशा मौजूद होती है। इसका कारण पानी में घुलने वाले soil के बहुत सारे salt हैं।
Water logging होने के कारण
1) over and intensive irrigation- जब एक ही जमीन पर बार-बार जरूरत से ज्यादा irrigation किया जाता है तो उस जमीन का water level ground level से ऊपर आ जााता है और हमे water logging देखने को मिलती है।
2) Seepage of water from canal- कई बार land के पास कोई canal के through जब seepage होता है ,तो वह पानी land के आसपास का water level बढ़ा देती हैै, जिससे water logging की स्थिति बन सकती है।
3) Inadequate surface drainage- जब land का drainage system सही नहीं होता है ,तो बारिश या canal के seepage के through आने वाला पानी जमीन पर ठहरा रहता है, और soil के infiltration capacity के हिसाब से कुछ पानी नीचे चला जाता है, जबकि कुछ पानी सतह के ऊपर ही रहता है जो water logging की स्थिति पैदा करता है।
4) Heavy rains- Heavy rainfall एक temporary water logging की situation create कर सकता है और ऐसा पानी drain न होकर वह water logging के स्थिति लगातार पैदा कर सकता है जिससे हमारी फसल की गुणवत्ता कम होती है।
5) submergence due to flood- बाढ़ के आने से land पर कई जगह छोटी-छोटी घास पैदा हो जाती है जो बाढ़ के पानी को रोके रखती है और उसका proper drainage न होने से water logging की स्थिति हमेशा बनी रहती है।
Water logging control
अगर हम canal और water course की lining करते हैं तो उसके through होने वाला seepage का पानी आसपास के land को seep नहीं करेगा जिससे वाटर लॉगिंग की स्थिति पैदा नहीं होगी और इसे कुछ हद तक रोका जा सकता है।
हमें सिंचाई के पानी की frequency को कम करना चाहिए जिससे कभी भी किसी लैंड पर ज्यादा पानी इकट्ठा नहीं होगा और वोटर लोगों की स्थिति पैदा नहीं होगी।
By introducing crop rotation
कुछ crops को उगने के लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है और कुछ फसलों को उगने के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है, तो हम लैंड पर एक साथ दो या दो से अधिक crops को लगाते हैं, जिससे कि एक फसल को ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है और दूसरी फसल को कम । दोनों फसलों के आपसी समन्वय से पानी का level land पर control मात्रा में रहता है, जिससे water logging की स्थिति पैदा नहीं होती है। उदाहरण के लिए- चावल को पानी की आवश्यकता ज्यादा होती है गेहूं की अपेक्षा में जिससे कि दोनों फसलों के आपसी समन्वय से पैदावार ज्यादा होगी और वाटर लॉगिंग से भी बचा जा सकता है।
By optimum use of water
Optimum use of water पानी की वो मात्रा है अगर जिससे कम मात्रा पानी मिलने पर फसल का moisture content wilting point तक आ जाता है और प्लांट मर भी सकता है, और अगर optimum से ज्यादा पानी हो जाए तो वॉटर लॉगिंग की स्थिति पैदा होती है, तो इरीगेशन के लिए हम हमेशा optimum use of water पर ही सिंचाई करते हैं जिसे वाटर लोगों की स्थिति से बचा जा सके।
By providing drainage system
हमें land पर एक efficient drainage system install करना चाहिए जिससे कभी भी सिंचाई या flood के द्वारा आया जरूरत से ज्यादा पानी लैंड से तुरंत drain out कर सके जिससे water logging की स्थिति होने से पहले ही उससे बच सके।
Reclamation of saline lands
Land reclamation एक process है जिसमें फसल को दोबारा से उपजाऊ बनाने के लिए उसके ऊपर कुछ सुधार किया जाता है।
हम जानते हैं कि soil में बहुत सारे सॉल्ट रहते हैं तो जब वॉटर लॉगिंग होती है तो यह सॉल्ट पानी में घुल जाते हैं इनमें से कुछ सॉल्ट प्लांट के लिए useful रहते हैं जबकि कुछ खतरनाक रहते हैं Na2co3 सबसे ज्यादा खतरनाक होता है प्लांट की growth के लिए ,जबकि Nacl सबसे कम खतरनाक होता है.| जब water logged area से पानी drain out हो जाता है तो उसके salts land पर रह जाते है और इस process को efflorescence कहते हैं, ऐसी land जो efflorescence से affected है उसे हम saline soil बोलते हैं ,तो उस soil पर हम ट्रीटमेंट करके उसको फिर से उपजाऊ बनाने की कोशिश करते हैं|
Reclamation of salt affected lands
1) Leaching- Leaching एक process है जिसमें land को flat किया जाता है और पानी से भर दिया जाता है जिससे के soil में मौजूद सारे सॉल्ट पानी में घुल जाए और उसके बाद उसको ड्रेन आउट कर देते हैं ,जिससे कि सारा salt निकल जाए | ये process तबतक करते रहते हैं जब तक salt की concentration एक controllable limit में ना पहुंच जाए। control limit के अंदर जब लिमिट पहुंच जाती हैं तो उसके बाद हम कुछ high salt resistive crop जैसे कि बाजरा लगाते हैं तो soil में मौजूद extra salt absorb कर लेते हैं उसके बाद कोई भी फसल लगाने के लिए जमीन उपलब्ध हो जाती है।
2) Land drainage- एक properly designed land drainage को हम land पर install करते हैं जो कि बारिश या flood से आने वाले excess पानी को ग्राउंड से ड्रेन आउट कर देता है ,जिससे एक adequate पानी की depth ही लैंड पर रहती है जो कि water logging को रोकने के लिए समर्थ हो |इसको हम दो तरह से install करते हैं |
surface drainage- जिसमें के drain system ग्राउंड level के ऊपर दिया जाता है जैसे- बड़ी बड़ी नालियां बनाकर जिससे जब भी बारिश का पानी आये तो वह drain हो सके|
subsurface drainage- जो कि जमीन के नीचे दिया जाता है इसके अंदर हम कुछ pipes install करते हैं जो कि perforated यानी कि उनमें छेद होते हैं जो कि पानी को drain out करने के लिए help करते हैं जिससे कि वाटर लॉगिंग की स्थिति कभी भी land पर नहीं बनती।
तो दोस्तो उम्मीद है आज आपके water logging और reclamation of saline land से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।