दोस्तो आज जानेंगे की Highway और Street Road पर रोशनी के लिए कौनसी लाइट उपयोग ली जाती है। इसके अलावा आपने कई बार देखा होगा की, सड़क के किनारो पर भी छोटी-छोटी लाइट लगी होती है, तो आज हम इन लाइट का नाम और इनकी वर्किंग को जान लेंगे।
सबसे पहले हम सड़क या हाईवे पर रोशनी के लिए उपयोग होने वाली लाइट के बारे में जान लेते है।
Which light used for lighting on Highway/Street
वैसे तो हाईवे/सड़क पर कई प्रकार की लाइट उपयोग में ली जाती है, लेकिन आज हम ज्यादातर उपयोग में आने वाली लाइट्स के बारे में बात करेंगे।
HPSV (High pressure Sodium vapour lamp)– यह हाई प्रेशर सोडीयम वपौर लैंप का उपयोग काफी पुराने समय से किया जा रहा है। इस लाइट की रोशनी का इस्तेमाल आज भी उन इलाको में किया जाता है, जहाँ पर धुंध(कोहरा) होता है।
LPSV (Low pressure Sodium vapour lamp)- लौ प्रेशर सोडीयम वपौर लैंप का इस्तेमाल भी HPSV lamp की तरह आज भी किया जाता है। अगर आपको कभी भी पीली रंग की रोशनी देने वाला लैंप देखने को मिलता है, तो वह सोडीयम वपौर लैंप ही होने के चांस होते है।
HPMV (High pressure mercury vapour lamp)- इस लैंप की रोशनी करने के लिए इसके अंदर मरकरी गैस का इस्तेमाल किया जाता है, यह मरकरी गैस से बना लैंप आपको सफेद रंग की रोशनी देता है।
LED Light- आप सभी को पता होगा की आज के समय धीरे धीरे सभी जगह से पुरानी लाइट को हटाकर LED लाइट को लगाया जा रहा है। इसके पीछे की मुख्य वजह सिर्फ बिजली को बचाना है।
क्योंकि यह HPSV या HPMV, यह सभी लाइट आधी से ज्यादा बिजली को सिर्फ हीट के रूप में वेस्ट कर देती है। इसके बावजूद आज भी कई जगह पर HPSV Light का उपयोग किया जाता है।
HPSV Light लाइट के आज भी उपयोग होने की वजह सिर्फ धुंध मतलब कोहरा है। यह लाइट आज भी कोहरे वाले इलाको में इस्तेमाल की जाती है।
How do we connect street LED light?
दोस्तो अगर आपने कभी LED लाइट को गौर से देखा होगा, तो इनके कनेक्शन 2 प्रकार से होते है।
- Wired Connection
- Wireless Connection
वायर और बिना वायर के कनेक्शन में सिर्फ यही अंतर है की, वायरलेस के अंदर हम light के पास में एक सोलर प्लेट को लगाते है। और फिर सोलर से मिलने वाली बिजली को बैटरी में स्टोर करके रात के समय उपयोग में ले लेते है। सोलर लाइट के उपयोग होने से हमे लम्बी दूरी तक तारो को नही लगाना पड़ता है।
इन सभी के बाद अब हम सड़क के ऊपर लगी लाइट की बात कर लेते है। आखिर इसका नाम क्या होता है और साथ ही यह काम कैसे करती है।
Name of the lights on the roadside
इस लाइट का इस्तेमाल दो क्रासिंग रोड, इसके अलावा चोराहे पर और रोड के किनारों पर आपको ज्यादातर देखने को मिलेगा। इस लाइट का काम हमे रोड की आखरी सीमा के बारे में बताना होता है, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना ना हो।
इस लाइट को Road Stud light(रोड स्टड लाइट) के नाम से पुकारा जाता है। यह स्टड लाइट दो प्रकार उपयोग ली जाती है।
- Passive Stud Light
- Active Stud Light
Passive Stud Light- यह पैसिव स्टड लाइट वैसे किसी तरह की लाइट नही होती है, यह रिफ्लेक्शन पर काम करती है। मतलब पैसिव स्टड लाइट के ऊपर रेडियम का इस्तेमाल किया जाता है।
तो जब भी हमारे वाहन के हेडलाइट की रोशनी इस रेडियम पर गिरती है, तो यह उस लाइट को रिफ्लेक्ट कर देती है। जिससे हमे ऐसा लगता है, कि यह हमे रोशनी दे रही है।
Active Stud Light- एक्टिव स्टड लाइट पैसिव लाइट से काफी महंगी होती है। इसके अंदर LED का इस्तेमाल किया जाता है।
एक्टिव स्टड लाइट के अंदर सोलर पैनल, LDR(लाइट डिपेंड रेसिस्टर), बैटरी और सर्किट का इस्तेमाल किया होता है। इस प्रकार की stud light में ऊपर की तरफ एक छोटा सा सोलर पैनल लगा होता है। यह सोलर पैनल सुबह की रोशनी से बैटरी को चार्ज कर देता है और फिर रात के समय इस चार्ज बैटरी की मदद से हमारी स्टड लाइट की LED चलने लग जाती है।
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तो दोस्तो उम्मीद है, आज आपके highway Street Light Name से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।
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