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Overload Relay full explain in hindi

दोस्तों अगर आप कही पर इलेक्ट्रिकल में जॉब करते है, तो आपने लगभग सभी मोटर स्टार्टर के अंदर हमेशा ओवरलोड रिले को लगा हुआ जरूर देखा होगा, तो आज हम इसी OLR मतलब overload relay के ऊपर बात करेंगे।

OLR का पूरा नामOverload Relay (ओवरलोड रिले)

कही-कही पर इसे थर्मल ओवरलोड रिले भी बोला जाता है।

What is Overload Relay (ओवरलोड रिले क्या है)

ओवरलोड रिले एक इलेक्ट्रिकल डिवाइस है, जिसका उपयोग हम मोटर को सेफ्टी देने के लिए करते है। इसकी वर्किंग काफी आसान होती है। यह मोटर में जाने वाले करंट को सेंस करती है। और अगर मोटर Relay पर सेट करंट से ज्यादा एम्पेयर लेती है, तो यह OLR सर्किट को ट्रिप करा देती है। इस तरह मोटर सेफ हो जाती है।

Overload relay working (OLR कैसे काम करती है)

ओवरलोड रिले के अंदर बाई मेटालिक एलिमेंट होते है। मोटर में जाने वाला करंट इन्ही बाई-मेटालिक एलिमेंट से होकर जाता है। अब अगर मोटर ज्यादा करंट लेती है, तो यह बाई मेटालिक एलिमेंट गरम होकर मुड जाते है। ऐसा होते ही सर्किट ब्रेक हो जाता है, और मोटर बंद हो जाती है।

Overload relay Connection

OLR का ज्यादातर उपयोग कॉन्टैक्टर के साथ किया जाता है। ओवरलोड रिले को उपयोग में लेते समय दो प्रकार के कनेक्शन होते है।

  1. Power connection(पावर कनेक्शन)
  2. Control connection(कण्ट्रोल कनेक्शन)

Power Wiring- पावर वायरिंग के अंदर कॉन्टैक्टर से निकले तीन फेज को हम रिले के L1 L2 L3 टर्मिनल के साथ जोड़ देते है। इसके बाद Relay के T1 T2 T3 टर्मिनल से हम मोटर को थ्री फेज सप्लाई देते है।

Control Wiring- कण्ट्रोल वायरिंग में आपको सिर्फ मोटर स्टॉप बटन (NC push button) के सीरीज में रिले को जोड़ना होता है। यह हम सभी को पता है, की कॉन्टैक्टर को बंद चालू करने के लिए हम सप्लाई NO NC पुश बटन से देते है। तो अब आपको NC बटन से निकले वायर को डायरेक्ट NO पुश बटन में नहीं लगाना है।

NC बटन से निकला फेज पहले OLR relay के NC कांटेक्ट में जाएगा और फिर relay के NC कांटेक्ट से निकले फेज वायर को हम स्टार्ट पुश बटन (NO) में जोड़ देंगे।

OLR Relay types (ओवरलोड रिले के प्रकार)

ओवरलोड रिले मुख्य 2 प्रकार की आती है।

  1. Thermal Overload relay
  2. Magnetic Overload relay

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Thermal Overload relay- थर्मल ओवरलोड रिले की वर्किंग काफी आसान होती है। इस प्रकार की रिले में मोटर के अंदर जाने वाला करंट पहले रिले के कांटेक्ट से होकर जाता है। यह रिले के कांटेक्ट उस करंट के बहने से हीट मतलब गरम हो जाते है और यह कितने गरम हो रहे है, इसी पर थर्मल ओवरलोड रिले काम करती है।

Magnetic Overload relay- लेकिन मैग्नेटिक ओवरलोड रिले हीट पर काम नहीं करती है। यह मैग्नेटिक फील्ड पर काम करती है। जैसा हम सभी को पता है अगर किसी कंडक्टर में से करंट फ्लो होता है, तो उसके आस-पास मैग्नेटिक फील्ड बन जाती है। तो यह मैग्नेटिक ओवरलोड रिले इसी पर काम करती है।

यह करंट से बनने वाले मैग्नेटिक फील्ड की स्ट्रेंथ को सेंस करके पता करती है, की मोटर ओवरलोड तो नहीं चल रही है। और अगर कोई ओवरलोड कंडीशन होती है, तो यह तुरंत ट्रिप कर जाती है।

Overload relay protection in hindi

ओवरलोड रिले हमारे इलेक्ट्रिकल उपकरण को मुख्य 3 फाल्ट से सुरक्षा देती है।

  • Overloading Fault- ओवरलोडिंग फाल्ट का मतलब जब कभी हम हमारे उपकरण को ओवरलोड रिले से जोड़ देते है। अब अगर वह उपकरण रिले पर सेट एम्पेयर से ज्यादा करंट लेता है, तो उस समय रिले ओवरलोड फाल्ट समझ कर सर्किट को ट्रिप कर देती है।
  • Input Phase loss- यह सुरक्षा इलेक्ट्रिकल मोटर के लिए काफी ज्यादा जरूरी है। जैसा की हम सभी को पता है की अगर किसी थ्री फेज मोटर के अंदर हम गलती से 2 फेज सप्लाई दे देते है, तो वह मोटर कुछ दी देर में जल जाएगी। तो ओवरलोड रिले इस फाल्ट से भी सुरक्षा देती है। अगर कभी कोई फेज कही मिस हो जाता है, तो यह रिले इनपुट फेज लॉस फाल्ट पर ट्रिप हो जाती है।
  • Phase Imbalance- अगर कभी हमारे तीनो फेज में वोल्टेज अलग-अलग आ रहे है, एक में ज्यादा दूसरे में कम तब भी Olr relay ट्रिप होकर सिस्टम को सुरक्षा देती है। इसके साथ ही अगर हमारी मोटर भी एक फेज में ज्यादा करंट और दूसरे में कम करंट लेती है तब भी यह रिले फेज इम्बैलेंस फाल्ट से ट्रिप हो जाती है।
Can OLR protect from short circuits?

कई लोगो के मन में यह सवाल होता है की क्या ओवरलोड रिले शार्ट सर्किट से सुरक्षा देती है? तो दोस्तों इसका जवाब है नहीं। ओवरलोड रिले हमारे उपकरण को सिर्फ तीन प्रोटेक्शन देती है overload, phase loss और phase imbalance.

अगर आपको साथ में शार्ट सर्किट प्रोटेक्शन चाहिए तो आपको इसके साथ में MCB को भी लगा देना चाहिए, ताकि MCB शार्ट सर्किट फाल्ट पर सिस्टम को प्रोटेक्शन देती रहे।

Parts of an overload relay

Terminal- रिले के अंदर कुल 6 टर्मिनल होते है। इसमें L1 L2 L3 पर फेज सप्लाई वायर को जोड़ा जाता है। इसके साथ ही इसमें T1 T2 T3 टर्मिनल होते है, इन टर्मिनल पर मोटर के वायर को जोड़ा जाता है।

OLR-Relay-Parts-name-in-hindi

Ampere Range Setting- सभी प्रकार की ओवरलोड रिले में आपको एक रोटरी नॉब जरूर देखने को मिलेगी। इसकी सहयाता से हम रिले को सेट कर सकते है, की वह ज्यादा से ज्यादा कितने करंट को निकलने देगी।

Reset Button- जब किसी कारण से ओवरलोड रिले ट्रिप हो जाती है, तब हमे उसको वापस उपयोग करने के लिए रिले को रिसेट करना होता है। तो OLR relay को रिसेट करने के लिए इस पर एक रिसेट बटन लगा होता है।

Manual/Auto reset selection- यह एक बटन होता है, इसको आप ऑटो पर या फिर मैन्युअल दोनों में से किसी पर भी सेट कर सकते है। अगर आपने इसे मैन्युअल पर सेट कर रखा है, तो फाल्ट के होने पर आपको रिले खुद जाकर रिसेट करनी होगी। लेकिन ऑटो के समय यह रिले थोड़ी देर में अपने आप ठंडी होकर रिसेट हो जाती है।

Auxiliary contact- यह ऑक्सलारी कांटेक्ट में NO और NC कांटेक्ट होते है। इसके NC कांटेक्ट का मुख्य उपयोग हम कॉन्टैक्टर को रिले से स्टार्ट और बंद के करने के लिए लेते है।

Test button- इस बटन की मदद से हम relay को चेक कर सकते है की वह सही से काम कर रही है या नहीं।


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तो दोस्तो उम्मीद है, आज आपके OLR मतलब Overload Relay से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर अभी भी आपके कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट में जरूर बताए।

इंजीनियरिंग दोस्त (Engineering Dost) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂 

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This Post Has 9 Comments

  1. DG

    Very good information you are sharing. So simple language.

  2. Ved prakash

    Very good knowledge

  3. HALDEEP PATLE

    Very good information Sir

  4. RAMPAL

    Good thinking

  5. Vikas lulle

    nice sir????.
    YouTube mein aapane jo video dala usmein jo bhi kamiyan hai yah padh kar Hamen samajh Gaye dhanyvad????
    ????????vande matram ????????

  6. Anil patidar

    Thank…sir ji..

  7. Akash verma

    Tnx sir

  8. Harshir patel

    Yoy good bast thank you

  9. Ranjeet yadav

    बहुत बढ़िया जानकारी मिल रही है ऐसे मदद करते रहिये सर

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