दोस्तो जब कभी हम बिजली को बचाने या फिर हमारे घर के बिजली बिल को कम करने की सोचते है, तो सबसे पहले सोलर सिस्टम का नाम आता है। क्योंकि solar system के अंदर हम एक बार थोड़े पैसो को निवेश करके पूरी जिंदगी मुफ्त में इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग कर सकते है।
पर जब कभी हम सोलर सिस्टम को घर में लगाने की सोचते है। तो सबसे पहले हमारे मन मे यह सवाल आता है, की हमे घर में कौनसा सोलर सिस्टम लगाना चाहिए, क्योंकि बाजार में आज के समय 3 तरह के सोलर सिस्टम आते है।
तो आज में आपको इन सभी solar system जुड़ी जानकारी दूंगा, और साथ ही इनके फायदे और नुकसान भी बताऊँगा। जिसकी मदद से आप आसानी से आपके घर के लिए बेस्ट सोलर सिस्टम लगवा सकते हो। तो दोस्तो सबसे पहले हम सोलर सिस्टम के प्रकार की बात करते है।
Types of Solar System
सोलर सिस्टम के प्रकार
आज के समय मार्केट में तीन तरह के सोलर सिस्टम उपलब्ध है।
- On-Grid solar system (ऑन ग्रिड सोलर)
- Off-Grid solar system (ऑफ ग्रिड सोलर)
- Hybrid solar system (हाइब्रिड सोलर सिस्टम)
आपको में पहले ही बता दु, इन तीनो सोलर सिस्टम में कोई भी सोलर सिस्टम खराब नही है। यह तीनो सोलर सिस्टम अलग अलग जरूरत के अनुसार बनाए गए है।
अब हम एक-एक करके इनकी जरूरत, इनके फायदे और इनके नुकसान की बात करेंगे।
What is On-grid solar system
ऑन ग्रिड सोलर क्या है?
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम को Grid Tied(ग्रिड टाईड) नाम से भी जाना जाता है।
On grid सोलर सिस्टम सभी सोलर सिस्टम में सबसे कम कीमत पर लग जाता है। यह सोलर सिस्टम हमारे घरो में आने वाली इलेक्ट्रिकल सप्लाई के साथ जुड़ा होता है। इस सोलर सिस्टम में अंदर बैटरी का उपयोग नही किया जाता है।
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के अंदर हम सोलर से बनने वाली इलेक्ट्रिसिटी को पावर ग्रिड को भी भेज सकते है।
How work on grid solar system
यह सिस्टम काफी आसान तरीके से काम करता है। इसको घर में लगाने के बाद अगर कभी हमारा सोलर पैनल ज्यादा पॉवर को बना रहा है, और इससे बनने वाली पॉवर का हम घर में पूरी तरह से उपयोग नही कर पा रहे है। तो इस समय एक्स्ट्रा बनने वाली बिजली पावर ग्रिड को चले जाती है।
पॉवर ग्रिड को जाने वाली एक्स्ट्रा बिजली एक तरह से हम power कम्पनी को उधार दे देते है। इसके बाद जब कभी हमारा सोलर सिस्टम कम बिजली बनाता है, तब हम पावर ग्रिड को दी गयी, इलेक्ट्रिसिटी का वापस से उपयोग कर सकते है। यह सभी काम आटोमेटिक होता है।
On-grid system advantage and disadvantage
Advantage (फायदे)
1. On grid सोलर सिस्टम सबसे सस्ता सोलर सिस्टम है।
2. इसको घर में लगाना बाकी सोलर सिस्टम से काफी आसान होता है, और इसकी वर्किंग भी बाकी के मुकाबले काफी आसान है।
3. इसकी मदद से हम काफी ज्यादा बिजली की सेविंग कर सकते है।
Disadvantage (नुकसान)
- इसमे सिर्फ एक ही नुकसान है, और काफी बड़ा है। की घर की लाइट जाने पर यह सोलर सिस्टम काम नही करता है।
मतलब अगर आपके घर में पावर ग्रिड से आने वाली सप्लाई कट हो जाती है, तो उस समय आप आपके घर के किसी भी उपकरण को नही चला पाएँगे, क्योंकि ऑन ग्रीड सोलर सिस्टम जब तक घर में सप्लाई आएगी, तब तक ही काम कार्य करता है।
What is Off-grid solar system
ऑफ ग्रिड सोलर क्या है?
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला सोलर सिस्टम है। यह खास कर उस जगह उपयोग किया जाता है, जहाँ पर हमारे बिजली जाने की समस्या होती है। और उस दौरान हम हमारे उपकरण को चलाना चाहते है। यह कीमत में on grid system से थोड़ा महँगा होता है, क्योंकि इसके अंदर हमको बैटरी भी खरीदनी पड़ती है।
Off Grid solar system working
ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम में दिन के समय सोलर पैनल की मदद से हमारे घर के सभी उपकरण चलते रहते है, और सोलर से बनने वाली एक्स्ट्रा बिजली से हमारी सोलर बैटरी चार्ज हो जाती है।
इसके बाद शाम हो जाने पर जब सोलर पैनल बिजली देना बन्द कर देते है, तब हमारे घर के उपकरण चार्ज हो चुकी बैटरी से चलने लग जाते है।
और अगर रात में ही हमारी बैटरी पूरी तरह से डिस्चार्ज हो जाती है, तो घर के उपकरण पॉवर ग्रिड से आने वाली सप्लाई से चलने लग जाते है।
Off-grid system advantage and disadvantage
Advantage (फायदे)
1. इस सोलर सिस्टम में घर की बिजली जाने पर हमारे सभी उपकरण बैटरी से चलने लग जाते है।
2. ऑफ ग्रिड सिस्टम की मदद से जहाँ पर पॉवर ग्रिड की सप्लाई नही है, वहाँ भी हम 24 घण्टे बिजली का उपयोग कर सकते है।
Disadvantage (नुकसान)
1. इसकी कीमत on grid सोलर सिस्टम से ज्यादा होती है, क्योंकि इसमे बैटरी का उपयोग किया जाता है।
2. इसकी बैटरी का हमको समय समय पर मेन्टेनेन्स करना होता है।
3. इस सोलर बैटरी की एवरेज लाइफ 5-7 साल होती है, तो इतने समय के बाद हमको बैटरी बदलना भी पड़ता है।
What is hybrid Solar system
हाईब्रिड सोलर क्या है?
हाइब्रिड सोलर सिस्टम अभी तक का सबसे एडवांस सोलर सिस्टम है। लेकिन अभी यह सोलर सिस्टम इसकी कीमत की वजह से काफी कम जगह ही लगाया जाता है।
यह On grid और Off grid दोनो सोलर सिस्टम को मिलकर बनाया गया है।
Hybrid Solar system working hindi
हाइब्रिड सोलर सिस्टम में दिन के समय हमारे घर के सभी उपकरण solar panel से मिलने वाली इलेक्ट्रिसिटी पर चलते है। इसके साथ सोलर पैनल से बनने वाली एक्स्ट्रा बिजली से सबसे पहले हमारी बैटरी चार्ज होती है। और बैटरी के पूरे चार्ज होने के बाद सोलर से मिलने वाली एक्स्ट्रा बिजली पावर ग्रिड को भेज दी जाती है।
पॉवर ग्रिड को जाने वाली बिजली हमेशा नेट मीटरिंग मीटर से होकर जाती है। यह मीटर हमें अभी तक हमने कितनी बिजली पॉवर ग्रिड को उधार दी है, वह बताता है।
Hybrid system advantage and disadvantage
Advantage (फायदे)
1. hybrid सोलर सिस्टम के अंदर हम हमारे घर के उपकरणों को तीन तरह से चला सकते है। 1 सोलर पैनल की मदद से, 2 बैटरी की मदद से, 3 पॉवर ग्रिड की सप्लाई से।
2. इस सोलर सिस्टम की मदद से हम हमारे बिजली के बिल को 0 रुपए कर सकते है।
3. इस सोलर सिस्टम में on grid की तरह हम पावर ग्रिड को बिजली भी दे सकते है।
Disadvantage (नुकसान)
1. हाइब्रिड सोलर सिस्टम कीमत में दूसरे सोलर सिस्टम से काफी महंगे होते है।
2. इसमें भी ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम की तरह बैटरी का उपयोग किया जाता है, इस कारण बैटरी का मेंटेनेंस इसमें भी आता है।
3. इसका इंस्टालेशन बाकि सोलर सिस्टम के मुकाबले थोड़ा मुश्किल होता है, पर एक बार सेटअप होने के बाद यह सबसे बढ़िया सोलर सिस्टम कहलाता है।
यह भी पढ़े (Also read) |
सोलर पैनल क्या है, कैसे काम करता है? |
बैटरी पर लिखे C10 और C20 का मतलब |
तो दोस्तों उम्मीद है, की आज आपको सोलर सिस्टम के प्रकार और इनके उपयोग से जुडी जानकारी मिल गयी होगी। अगर अभी भी आपके कोई सवाल है तो आप कमेंट करके जरूर बताये, मैं आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करूँगा।
इंजीनियरिंग दोस्त (Engineering Dost) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂
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