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What is Battery and their types in hindi

दोस्तों आज हम बैटरी क्या होती है, और यह बैटरी कितने प्रकार की होती है इससे जुडी कई बातो को जान लेंगे। What is the battery in Hindi  

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आज के इस आधुनिक जमाने में हर जगह बेट्री की बहुत मुख्य भूमिका रहती है।

सभी प्रकार की गाड़ियों में जैसे- मोटरसाईकल, बस, ट्रक ओर बड़े-बड़े इंजन को भी स्टार्ट करने में भी सेल्फ का उपयोग करा जाता है। इस सेल्फ को घुमाने के लिए हमारे बैटरी काम में आती है, जिससे इंजन स्टार्ट हो सके। इसके अलावा गाड़ियों में लाइट ओर हॉर्न बजाने के लिए भी बैटरी की जरूरत होती है।

इसके अलावा पेट्रोल इंजन को चलाने के लिए, इंजन के अंदर पेट्रोल को जलाना होता है। पेट्रोल जलाने के लिये हमे चिंगारी की आवश्कयता होती है, यहाँ भी बैटरी का उपयोग होता है। इसी तरह बैटरी का उपयोग बहुत जगह पर किया जाता है।

 What is Battery (बैटरी क्या होती है) 

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इलेक्ट्रिकल बैटरी एक ऐसी डिवाइस है, जिसकी मदद से हम केमिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल पाते है। बैटरी से मिली इलेक्ट्रिकल एनर्जी डीसी मतलब डायरेक्ट करंट में होती है।

 How Make Battery (बैटरी कैसे बनती है?)

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सभी बैटरी हमेशा छोटे छोटे सेलो को सीरीज में जोड़कर बनाई जाती है। यह एक सेल 2 वोल्टेज के होते है। हमे जितने वोल्टेज की बैटरी चाहिए, हम उसके अनुसार सेलो को सीरीज में जोड़ देते है।

 सेल से बैटरी कैसे बनती है? 

सभी प्रकार के सेल में दो टर्मिनल होते है।

  1. पॉजिटिव टर्मिनल(Positive Terminal)
  2. नेगेटिव टर्मिनल (Negative Terminal)

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पॉजिटिव टर्मिनल को एनोड ओर नेगेटिव टर्मिनल को कैथोड भी कहा जाता है।

बैटरी बनाने के लिए एक सेल का पॉजिटिव टर्मिनल दूसरे सेल के नेगेटिव से जोड़ा जाता है। एक सेल 2 वोल्ट का होता है। अगर हमे 12 वोल्टेज की बैटरी बनानी है, तब हम 2 वोल्ट के 6 सेल को आपस में जोड़ देते है।

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इसके बाद सभी जोड़े गए सेलो में, पहले वाले सेल का positive और सबसे लास्ट वाले सेल का negative पॉइन्ट को हम बाहर निकाल लेते है। जिसे हम कनेक्शन के लिए उपयोग में लेते है। इनको हम (+) ओर (-) भी कहते है। इस तरह हमारी बैटरी बन जाती है।

 Types of battery (बैटरी के प्रकार) 

जैसे हमने आपको बताया की सेलो को जोड़कर ही बैटरी बनाई जाती है। सेल 2 प्रकार के होते है, इसलिए बैटरी भी 2 प्रकार की होती है।

  1. Primary Cell/Battery (प्राइमरी बैटरी)
  2. Secondary Cell/Battery (सेकेंडरी बैटरी)

Primary Battery (प्राइमरी बैटरी)- प्राइमरी बेट्री का उपयोग जहाँ पर हमको कम शक्ति(ताकत) की जरूरत होती है, वहाँ उपयोग में लेते है।

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जैसे कि हमारे घर की TV का रिमोट, घडी। इनको हम रोजाना भाषा मे सेल भी कहते है।

प्राइमरी बैटरी कई साइज में आती है। जिस प्रकार से हमे आवश्यकता होती है, हम उस size की बेट्री का उपयोग करते है। इन बैटरी का उभरा हुआ भाग +पॉइन्ट (पॉजिटिव टर्मिनल) होता है।

प्राइमरी बैटरी के प्रकार (Types of Primary Battery)
  • Alkaline & Carbon Battery
  • Lithium battery
  • Mercury battery
  • Silver Oxide battery
  • Zinc Air battery
प्राइमरी बैटरी के फायदे ओर नुकसान

फायदे:- 1. इन बैटरी में पैसे काफी कम लगते है।
2. यह काफी आसानी से बनाई जा सकती है।
3. इनमे काफी समय तक बिना उपयोग करे एनर्जी स्टोर रहती है।

नुकसान:- प्राइमरी बैटरी के एक बार डिस्चार्ज होने जाने के बाद इनको वापस से चार्ज नही किया जा सकता है।

Secondary Battery (सेकेंडरी बैटरी)

गाड़ियों में सेकेंडरी बैटरी का उपयोग करा जाता है। Secondary Battery(सेकेंडरी बैटरी) की खास बात यह है, हम इन बैटरी को बार-बार चार्ज कर सकते है।

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मतलब इस बैटरी के डिस्चार्ज हो जाने पर भी हम इस बैटरी से वापस पहले जैसी ताकत ले सकते है। इन बैटरी को हमारी गाड़ी में लगे अल्टरनेटर से करंट मिलता है, यह उस करंट को अपने अंदर इकठा कर लेती है।

सेकेंडरी बैटरी को हम स्टोरेज बेट्री के नाम से भी जानते है। क्योंकि इन बैटरी में लगे सेल के अंदर का करंट खर्च होने पर मतलब बैटरी के डिस्चार्ज हो जाने पर हम बैटरी चार्जर की मदद से इसे वापस चार्ज करके उपयोग में ले सकते है।

सेकेंडरी बैटरी के प्रकार (Secondary Battery Types)
  • Lead Acid Gel
  • Lithium-ion (Li-ion)
  • Nickel-Cadmium (Ni-Cd)
  • Nickel Metal Hydride

सेकण्डरी बैटरी के फायदे ओर नुकसान

फायदे:-  1. यह लंबे समय तक उपयोग में ली जा सकती है
2. इनके डिस्चार्ज होने पर इन्हें आसानी से चार्ज किया जा सकता है।

नुकसान:- 1. प्राइमरी बैटरी से इनकी कीमत काफी ज्यादा होती है।
2. इनको चार्ज करने के लिए हमे डीसी चार्जर की जरूरत होती है।


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तो दोस्तो उम्मीद है आज आपके Battery से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे, अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है। तो आप कमेन्ट करके जरूर बताये।

इंजीनियरिंग दोस्त (Engineering Dost) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂 

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This Post Has 17 Comments

  1. Golu

    Good knowledge bai…
    Plz
    Norton theom
    Superposition therum
    Maximum power theorum
    Etc.
    Ke bare me batay

  2. SHAMRUL

    Very good Sir I am empress your blog

    1. Surya

      Very good sir
      I am impress
      Keep it up
      God bless u

  3. Jb Singh

    V good
    If possible please arrange one video about
    legal and compliance requirement for consumer.

  4. Anonymous

    Sir, Electrical Design ke bare me bataiye please????????????

  5. Bablu

    धन्यवाद sir जी साधारण भाषा मे बताने के लिए

  6. Anonymous

    thanks sir ji

  7. Anonymous

    nice gentalman

  8. Anonymous

    Sir Bhut achhe se samjhaya aapne electrical k iti SE relative part or daliye
    Thanks

  9. Anil kumar

    Kaphi asan bhasa me hai sasani se se smjh aara hai.Thanks

  10. Yash rawat

    Very awesome sir????

  11. AWADHESH KUMAR RAJBHAR

    Aapka mai sabhi video our news padta hu. Aapka video our news mere liye bahut study mai help kar rha hai.
    Thank you so much.

  12. Sahadeb gorain

    Super and thanks

  13. Sumit kumar

    very nice sir

  14. Rizwan

    बहुत खुब सर बहुत अच्छे से सम्झाते है Interesting

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