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What is contactor in hindi कान्टैक्टर क्या होता है

आज हम कान्टैक्टर क्या होता है, कैसे काम करता है। कान्टैक्टर में NO NC क्या होता है तथा पॉवर और कन्ट्रोल कान्टैक्टर के बीच अंतर को जान लेंगे? Contactor working and function in hindi

What is Contactor

कान्टैक्टर क्या होता है?

कान्टैक्टर एक इलेक्ट्रिकल स्विच होता है। जिसे हम इलेक्ट्रिकल सप्लाई देकर बंद या स्टार्ट कर सकते है।

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जैसे- आपने आपके घर के स्विच बोर्ड में लगे स्विच देखे होंगे| वो मेकेनिकल कन्ट्रोल स्विच होते है, मतलब उस स्विच को ऑन या ऑफ करने के लिए हमे उनके पास जाना ही पड़ेगा।

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कान्टैक्टर भी एक स्विच ही होता है, पर यह इलेक्ट्रिकल स्विच होता है। जिसको हम दूर से ही इलेक्ट्रिकल सप्लाई देकर बन्द या स्टार्ट कर सकते है।

Contactor टर्मिनल क्या होते है?

कान्टैक्टर में दो तरह के टर्मिनल होते है।

  1. पावर टर्मिनल(Power Terminal)
  2. कंट्रोल टर्मिनल(Control Terminal)

इसके अलावा कान्टैक्टर में कॉइल टर्मिनल (Coil Terminal) भी होता है।

कान्टैक्टर कॉइल टर्मिनल- यह काफी जरूरी पॉइन्ट होता है।  इसकी सहायता से ही हम कॉन्टैक्टर को बंद चालू करते है।

सभी प्रकार के कान्टैक्टर में A1 और A2 टर्मिनल जरूर होते है, यह टर्मिनल कॉन्टैक्टर को स्टार्ट कराने के लिए उपयोग किये जाते है।

सभी कान्टैक्टर पर लिखा होता है, की उस कान्टैक्टर का कॉइल वोल्टेज कितना है।

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जैसे- अगर किसी कॉन्टैक्टर पर लिखा है (A1 A2- 240AC)

इसका मतलब यह है, हमको इसके A1 A2 पॉइन्ट पर 240 वोल्टेज सप्लाई देनी है।और a1 a2 पर 240 वोल्टेज की सप्लाई देते ही हमारा कॉन्टैक्टर स्टार्ट हो जाएगा।

पावर और कंट्रोल टर्मिनल क्या है?

जैसे मैने आपको बताया की कान्टैक्टर का उपयोग हम स्विच की तरह काम में लेते है। पर अगर हमको कभी किसी मोटर को चलाना है, तब हमे ज्यादा करंट झेल पाने वाले कॉन्टैक्ट की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि अगर हम कमजोर पॉइन्ट पर ज्यादा करंट जोड़ देंगे तो वह पॉइन्ट पिघल जाता है।

इस वजह से टर्मिनल को दो भागो में बाटा जाता है।

पावर टर्मिनल और कंट्रोल टर्मिनल

पावर टर्मिनल(Power Terminal) इसमे हम ज्यादा करंट गुजरने वाले वायर को जोड़ते है।

Contactor Power Terminal

जिस वायर में 2-3 एम्पेयर से ज्यादा करंट गुजरता है, उस वायर को हम पावर टर्मिनल से स्विच कराते है मतलब बन्द चालू कराते है।

जैसे- मोटर के सप्लाई वायर।

कंट्रोल टर्मिनल(Control Terminal) इनमे हम कम करंट वाले वायर को स्विच कराते है।

Contactor Control Terminal

जैसे- अगर हम चाहते है की हमारी मोटर जब स्टार्ट हो तब एक हमारी कोई इंडिकेशन लाइट चल जाए। जिसकी मदद से हमे पता चल जाए की, मोटर शुरू हो गयी है। तो इस जगह पर हम कंट्रोल के पॉइन्ट का उपयोग करते है। क्योंकि इंडिकेशन लैंप ज्यादा करंट नही लेते है।

NO और NC पॉइन्ट क्या होते है?

अगर आप इलेक्ट्रीकल में पढ़ाई या फिर जॉब कर रहे है तो आपको no nc समझना काफी जरूरी है। वैसे दोस्तो NO NC काफी आसान है।

जैसे दोस्तो कोई दो पॉइन्ट है अगर वह दोनों आपस में जुड़े हुए नही है इसका मतलब वह ओपन पॉइन्ट है। और अगर वह दोनो आपस में जुड़े हुए है, इसका मतलब की यह दोनो एक दूसरे के साथ close है।

NO क्या होता है(What is NO Contact)

NO का पूरा नाम- नॉर्मली ओपन (Normally Open) मतलब यह दोनो पॉइन्ट नार्मल कंडीशन में एक दूसरे से दूर-दूर रहेंगे। मतलब अगर हमने NO के एक पॉइंट में इलेक्ट्रीकल सप्लाई दी तो वह हमको दूसरे पॉइन्ट पर नही मिलेगी।

परन्तु अगर हमने कान्टैक्टर के A1 A2 पॉइन्ट में सप्लाई देकर कॉन्टैक्टर को स्टार्ट कर दिया। तब यह नार्मल कंडीशन नही होती है। मतलब कॉन्टैक्टर स्टार्ट हो जाने के बाद कंडीशन नार्मल नही रहेगी और उस समय हमारे NO के एक कांटेक्ट की सप्लाई दूसरे कन्टेक्ट में मिल जाएगी।

NC क्या होता है(What is NC Contact)

NC का पूरा नाम- नॉर्मली क्लोज (Normally Close)

मतलब जब तब हमारा कान्टैक्टर नार्मल कंडीशन में है तब तक हमारे दोनो कांटेक्ट आपस में जुड़े होंगे।

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जैसे- अगर हमने NC के एक पॉइन्ट पर इलेक्ट्रिक सप्लाई दी तो वह हमको दूसरे पॉइन्ट पर मिलती रहेगी। परन्तु जब हम कॉन्टैक्टर को स्टार्ट करेगे तब हमारे NC कांटेक्ट जो एक दूसरे से जुड़े होते है वह दूर दूर हो जायेगे।

What is Add on Block in Contactor

कान्टैक्टर ऐड ऑन ब्लॉक क्या होता है?

दोस्तो इसका उपयोग उस समय किया जाता है जब हमारे कॉन्टैक्टर के सारे पॉइन्ट खत्म हो जाते है ओर हमे कुछ ओर पॉइन्ट की जरूरत होती है, तब हम कॉन्टैक्टर ऊपर add on block लगा देते है।

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Add on block कैसे काम करता है

इसकी डिजाइन इस तरह होती है की जब कभी कान्टैक्टर स्टार्ट होता है तो यह भी कान्टैक्टर के साथ ऑपरेट होता है, इसके ऊपर NO NC कांटेक्ट होते है। हम इन कांटेक्ट को हमारे जरूरत के हिसाब से उपयोग में लेते है।

कान्टैक्टर भी हमारे दो तरह के होते है।

  1. पावर कॉन्टैक्टर (power contactor)
  2. कंट्रोल कॉन्टैक्टर(control contactor)

Power Contactor- जब कभी हमे मोटर को स्टार्ट कराना है, तब हम पावर कॉन्टैक्टर का उपयोग लेते है। क्योंकि मैने आपको बताया की जब हमको ज्यादा करंट वाले वायर को स्विच कराना होता है, तब हम पावर टर्मिनल का ही उपयोग करते है।

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पावर कॉन्टैक्टर में अगर हमको कन्ट्रोल के टर्मिनल की जरूरत होती है, तो हम इसपर ऐड ऑन ब्लॉक लगा देते है।

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Control contactor- जहाँ पर हमे किसी सिस्टम को आटोमेटिक कन्ट्रोल करना है, या फिर उन वायर को स्विच करने के लिए हम कन्ट्रोल कॉन्टैक्टर का उपयोग करते है, जिनमे ज्यादा करंट नही बह रहा।


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तो दोस्तो उम्मीद है आज आपके what is contactor and no nc working function से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।

इंजीनियरिंग दोस्त (Engineering Dost) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂 

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This Post Has 37 Comments

  1. Pintu Nautiyal

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  2. Anonymous

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  3. Chauhan Jatin

    Thanxx sir

  4. विमलेन्द्र कुमार तिवारी

    Good

  5. Anonymous

    Very nice information sir

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  7. navi ahmad

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  8. Ansari Ayub

    thank you so much for share knowledge

  9. Chauhan Jatin

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  10. Anonymous

    Sir ji pdf bhi dijiye

  11. Anonymous

    Thank you sir

  12. Ibrahim jalgaonkar

    Thank you sir

  13. Dhirendra Singh

    सर
    मै एक इलेक्ट्रिकल फोरमैन हूं और मै आप का बहुत बड़ा फैन भी ही सर मै आप से बहुत कुछ सीखा है जो आपने अपने वीडियो के जरिए हमे सिखाया है उसके लिए बहुत बहुत आभार आपका
    जय हिन्द

    1. Azeem khan

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  14. Anonymous

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  15. Anonymous

    Nice information bro

    1. Anonymous

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  16. Ravikant soni

    Bahut achhi jankari, Thankyou.?

  17. Anonymous

    NYC sir
    Thanks

  18. Andrewmyday

    Hello. And Bye.

  19. Anonymous

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  23. Anonymous

    Thank you so much sir

  24. Vikash chandarvashi

    Hello
    Sir
    Me apko bhut fen Hu sir me electrical me kam krata Hu sir mujhe penal ke bare me nhi jnakari hai sir penal bare ak video bnaye sir

  25. Shubham jain

    बहुत-बहुत धन्यवाद सर बहुत-बहुत धन्यवाद सर आप दुनिया में मेरे लिए भगवान हो

  26. Anonymous

    Very help full sir thank you sir

  27. Akhilesh kumar gupta

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  28. Vijay

    tanxx sir ji

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  30. Vikram

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  31. Shreyash saxena

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