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Types Of Conductor use in Transmission Line in Hindi

दोस्तों आज हम कंडक्टर क्या होता है, इसके अलावा कॉपर और एल्यूमीनियम में कौनसा कंडक्टर ज्यादा उपयोगी होता है। और इसी के साथ में हम Transmission Line Conductor के Types को भी समझने की कोशिश करेंगे।

What is Conductor (कंडक्टर क्या होता है) 

कंडक्टर का काम ही होता है इलेक्ट्रिक पावर को एक जगह से दुसरी जगह तक ले जाना ओर कम से कम रेजिस्टेंस के साथ। वैसे कई सारे ऐसे मटेरियल है जिनकी कंडक्टिविटी बहुत अधिक होती है।  जैसे गोल्ड सिल्वर(चांदी) लेकिन इनका उपयोग इलेक्ट्रिकल सिस्टम में वायर के लिए कर पाना संभव नही है, क्योंकि यह बहुत ज्यादा महंगे होते है।

इसी कारण से हमारे पास मुख्य दो ही मटेरियल सबसे सही बचते है, कॉपर ओर एल्यूमीनियम। पर इन दोनो मे भी आज के समय एल्यूमीनियम ही एक मात्र विकल्प बच गया है|

 Advantages of aluminum wire

एल्यूमीनियम वायर के फायदे 

वैसे एल्यूमीनियम का रेजिस्टेंस कॉपर से 60% अधिक तो होता है, जो की एल्यूमीनियम की एक कमजोरी है।

जैसे की आप मान लीजिये हमारे पास 1 फुट लंबा कॉपर का कंडक्टर है और बिल्कुल उसके ही आकर का एक एल्यूमीनियम कंडक्टर भी है। तो जितना रेजिस्टेंस कॉपर के कंडक्टर का होगा, उससे 60% ज्यादा रेजिस्टेंस एल्यूमीनियम के कंडक्टर का होगा।

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लेकिन कॉपर मे भी कुछ कमी है जैसे की कॉपर एल्यूमीनियम से 3 गुना ज्यादा भारी होता है ओर कॉपर एल्यूमीनियम से काफी ज्यादा महँगा भी होता है। आज के समय कॉपर 500 रुपया में एक किलो मिलता है, जबकि 1 किलो एल्यूमीनियम की कीमत  मात्र 100 रुपए ही है।

इसके अलावा कॉपर में एक ओर बहुत बडी प्रॉब्लम यह है की कॉपर वायर में जंग काफी आसानी से लग जाता है जो की इसकी लंबी लाइफ के लिए काफी नुकसान दायक है। आपने देखा होगा जो आपके घरो में तांबे मतलब कॉपर के बर्तन का कलर 2-3 दिनों में ही बदल जाता है वो उसके ऊपर कार्बन आने के कारण ही होता है।

यह भी एक मुख्य कारण है जिसके कारण हम ट्रान्समिशन लाइन में कॉपर वायर का उपयोग नही करते है। 

copper-vs-aluminium-weight

एल्यूमीनियम वायर को एक बार लगाने के बाद हम 100 साल तक उसकी लाइफ मान मानते है इसलीए ट्रान्समिशन लाइन मे एल्यूमीनियम वायर ही सबसे सही माना जाता है ओर इसका ही उपयोग किया जाता है।

लेकिन अभी भी आपको कुछ पुराने सबस्टेशन पर कॉपर के वायर का उपयोग होता दिख जाएगा। वहाँ पर इनका इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि वहाँ पर इन वायर को काफी अधिक इलेक्ट्रिकल करंट को हैंडल करना पड़ता है। पर फिर भी आज के समय कॉपर वायर के मिलने के चांस काफी कम रहते है। ट्रान्समिशन लाइन मे हर जगह एल्यूमीनियम वायर का ही उपयोग हो रहा है।

 Types of Transmission Line Conductor

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ट्रांसमिशन लाइन वायर के प्रकार

1. Solid Conductor(सॉलिड कंडक्टर)

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यह इलेक्ट्रीकल सबस्टेशन की बस मे उपयोग किया जाता है पर यह कम दूरी की बस में उपयोग किया जाता है।

2. Holllow Conductor(होलो कंडक्टर)

यह भी इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन बस में उपयोग किया जाता है ओर यह भी कम दूरी तक की बस में ही उपयोग किये जाते है।

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इनकी लंबाई ज्यादा नही रखी जा सकती। क्योंकि अगर इन्हें लम्बा बनाया जाएगा तो इनको सबस्टेशन तक ले जाना काफी मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि इन वायर को आसानी से मोड़ पाना मुश्किल होता है।

3. Stranded Conductor

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इसे पतले पतले तार से बनाया जाता है, जिससे कारण इनको आसानी से मोड़ा जा सकता है। ओर इनको काफी आसानी से एक जगह से दूसरी जगह रोल में लपेटकर ट्रांसमिट किया जा सकता है।

4. AAC (All Aluminium Conductor)

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इसमे सारे कंडक्टर एल्युमीनियम के होते है। इसलीए AAC वायर में जंग नही लगती है| इनमे आसानी से जंग नही लगने के कारण इनका ज्यादा उपयोग पानी वाले इलाके के पास किया जाता है।

5. AAAC (All Aluminium Alloy Conductor)

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AAAC वायर में भी सभी वायर एल्युमीनियम के ही होते है पर एल्युमीनियम काफी ज्यादा लचीला होने के कारण इनमे कुछ ओर धातु को मिलाया जाता है। जिससे इनकी मजबूती बड़ाई जाती है।
इनका उपयोग रेलवे क्रासिंग ओर पहाड़ी इलाको में किया जाता है।

6. ACSR (Aluminum Conductor Steel Reinforced)

यह सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला कंडक्टर है। इसके बीच के वायर Galvanized Steel के होते है। जिससे ASCR कंडक्टर की मजबूती काफी बढ़ जाती है।

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इस कंडक्टर में स्टील का उपयोग होने से यह गरम होने पर ज्यादा फैलता नही है। इस कारण से ASCR कंडक्टर का उपयोग हम जहाँ भी करते है वहाँ पर हम दो इलेक्ट्रिक पोल के बीच अंतर को ज्यादा रख सकते है।
ASCR कंडक्टर हाई वोल्टेज लाइन और लौ वोल्टेज लाइन दोनो पर उपयोग किया जाता है। 

 Type Of ACSR Transmission Line Conductor 

1 Dog 33KV से 66KV तक उपयोग में आने वाले कंडक्टर को डॉग कंडक्टर कहा जाता है। इसकी करंट केरिंग कैपेसिटी 300 एम्पेयर तक होती है। इसमे 6 एलुमिनियम के वायर (strand) होते है, तथा 7 स्टील के स्ट्रैंड होते है।

2 Panther यह 66किलो वोल्टेज से 132 किलो वोल्टेज तक उपयोग मे लिया जाता है। इसमे 480 एम्पेयर तक करंट को दिया जा सकता है। इसमे 30 एलुमिनियम के वायर (strand) होते है, तथा 7 स्टील के स्ट्रैंड होते है।

3 Zebra जेब्रा कंडक्टर 220 किलो वोल्टेज के लिए उपयोग किया जाता है। इसमे 735 एम्पेयर तक करंट को दिया जा सकता है। जेब्रा कंडक्टर मे 54 एलुमिनियम के स्ट्रैंड और 7 स्टील के स्ट्रैंड होते है।

4 Moose यह कंडक्टर 220 किलोवाल्ट या फिर 440 किलो वोल्टेज की लाइन पर उपयोग मे लिए जाते है, जो की आसानी से 800 एम्पेयर तक करंट झेल सकते है।
इसमे भी जेब्रा कंडक्टर की तरह 54 एलुमिनियम और 7 स्टील के स्ट्रैंड होते है। पर Moose कंडक्टर मे स्ट्रैंड की मोटाई जेब्रा कंडक्टर से अधिक होती हैइस कारण से यह जेब्रा कंडक्टर से अधिक करंट झेल सकते है।

7. ACSS (Aluminum Conductor Steel Supported)

ACSS कंडक्टर को आज के समय ACSR कंडक्टर से बदला जा रहा है, क्योंकि ACSS कंडक्टर ज्यादा गर्मी झेलने की ताकत रखता है।

जब वायर पर करंट कैपेसिटी को बढ़या जाता है तो वायर का टेम्परेचर भी बढ़ता है। इसलीए आने वाले समय के लिए ACSS कंडक्टर को धीरे धीरे ACSR कंडक्टर से बदला जा रहा है।

क्योकि ACSS कंडक्टर लगभग 180 Celsius तक टेम्परेचर को आसानी से झेल सकता है, जबकि ACSR कंडक्टर 100 Celsius टेम्परेचर तक ही झेल पाता है।


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दोस्तो उम्मीद है आज आपके Types of Transmission Line Conductor से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे, अगर आपके अभी भी कोई सवाल इलेक्ट्रिक से जुड़े है तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।

इंजीनियरिंग दोस्त (Engineering Dost) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂

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This Post Has 12 Comments

  1. Priya

    Very Helpfull

  2. Mukesh Kumar

    Conductor conductor ka impedance kaise maloom karenge

  3. AMG

    Super helpfull

  4. Anonymous

    Bhut badiya samajhaya aapne

  5. Karandabhi

    Help ke liye ધન્યવાદ

  6. Anonymous

    Very good sir

  7. Vipin Gupta

    NICE CONTENT

  8. PANDAV KUMAR

    Thank you, very nice content

  9. Jaspreet singh

    Very knowledgeable sir????

  10. Er. Kuldip kumar

    Thank you sir

  11. Raghvendra Shukla

    Very nice information sir 🙏🙏

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