You are currently viewing VFD and SOFT STARTER Difference in HINDI

VFD and SOFT STARTER Difference in HINDI

दोस्तों VFD और soft starter के बारे कई लोग यह कहते हैं, कि VFD का उपयोग करके हम मोटर को स्मूथली स्टार्ट कर लेते है। और बिलकुल यही बात Soft Starter के लिए भी कही जाती है। तो अब हम के मन मैं यही सवाल होता है की क्या यह दोनो एक ही होते है?

लेकिन ऐसा बिलकुल भी नही है। VFD और soft starter दोनों मे काफी अन्तर होता है। इसी वजह से आपने देखा भी होगा VFD की कीमत सॉफ्ट स्टार्टर से काफी ज्यादा होती है। तो आज की इस पोस्ट में हम इन दोनो के बीच अंतर को जान लेंगे।

VFD और Soft Starter क्या है?

वैसे इन दोनो का मुख्य कार्य मोटर को स्टार्ट करते समय ओर बंद करते समय धीरे धीरे कंट्रोल में रखना होता है। मतलब यह मोटर को एकदम से स्टार्ट और एकदम से स्टॉप होने से रोकते है। ऐसा करने से हमारे मेकेनिकल सिस्टम में जर्क नही आते है। परन्तु वीफडी के उपयोग से हमे और भी कई सारे फायदे मिल जाते हैं।

motor-vfd-and-soft-starter-difference-in-hindi

और इन्ही फायदों को देखकर ही आजकल हम जगह पर विफडी का ही उपयोग किया जा रहा है। पर ऐसा नही है की सॉफ्ट स्टार्टर बंद हो गए है या फिर आगे जाकर बंद हो जाएंगे। सॉफ्ट स्टार्टर भी इलेक्ट्रिकल सिस्टम में काफी ज्यादा जरूरी है।

आज की इस पोस्ट से आप इन दोनो की इलेक्ट्रिकल सिस्टम में जरूरत ओर इन दोनो में अंतर आसानी से समझ जायेगे। सबसे पहले हम विफडी की बात कर लेते है। 

How does VFD work

VFD कैसे काम करती है?

वीफडी मे 3 मुख्य कंपोनेंट होते हैं।

  1. रेक्टिफायर(Rectifier)
  2. फिल्टर(Filter)
  3. इनवर्टर(Inverter)

VFD-working-componenet-hindi-engineering-dost

Rectifier- रेक्टिफायर सर्किट का बेसिक काम होता है, यह AC वोल्टेज को DC वोल्टेज में कन्वर्ट करता है।
एक बार एसी वोल्टेज डीसी वोल्टेज में कन्वर्ट हो गया तो उसके बाद फिल्टर यूनिट का काम होता है। यह फिल्टर यूनिट उस डीसी वोल्टेज को फिल्टर करती है, जो की रेक्टिफायर से बनी है।

Filter Unit- फिल्टर यूनिट में जो DC वोल्टेज रेक्टिफायर सर्किट से फिल्टर हो कर आया है। उसको चेक करा जाता हे, कही DC वोल्टेज में AC वोल्टेज के कुछ गुण तो नहीं हैं। फ़िल्टर यूनिट मे डीसी वोल्टेज फिल्टर होकर प्योर डीसी वोल्टेज(Pure DC voltage) बन जाती है।

Inverter Unit- एक बार DC वोल्टेज फिल्टर यूनिट से फ़िल्टर हो गया उसके बाद इनवर्टर यूनिट का काम होता है कि उस डीसी वोल्टेज को वापस से एसी वोल्टेज में कन्वर्ट करें।

motor-vfd-controller-unit-in-hindi

लेकिन अब जो हमे विफडी से एसी वोल्टेज मिला है, यह AC Voltage एक रेक्टिफाइड फॉर्म में होगा, मतलब हमको जैसा आउटपुट चाहिए वैसे हम इस AC वोल्टेज को चेंज कर सकते है। और मोटर की स्पीड को विफडी से मिले AC वोल्टेज से आराम से कम ज्यादा कर सकते है।

How Soft Starter works

सॉफ्ट स्टार्टर कैसे काम करता है?

अगर हम सॉफ्ट स्टार्टर के मुख्य कॉम्पोनेन्ट की बात करें तो सॉफ्ट स्टार्टर में 3 SCR लगे रहते हैं। यह 3 SCR सॉफ्ट स्टार्टर के अन्दर पैरेलल में लगे रहते हैं।

सॉफ्ट स्टार्टर का बेसिक काम तो यही होता है कि वह स्टार्टिंग में ड्राइव (मोटर) को स्मूथ स्टार्ट करे। जिसकी मदद से मैकेनिकल जर्क की कंडीशन को हम खत्म कर सके।

अगर हम सॉफ्ट स्टार्टर कन्ट्रोल की बात करें तो सॉफ्ट स्टार्टर की जो पूरी कंट्रोलिंग होती है, वो विफडी की तरह ही होती हे। पर विफ्डी की कंट्रोलिंग के लिए रेक्टिफायर, फिल्टर और इनवर्टर यूनिट होती है।

उसी तरह सॉफ्ट स्टार्टर के अंदर एक माइक्रो प्रोसेसर कंट्रोलर लगा रहता है, जो पूरी प्रोसेस को कंट्रोल करता है।

VFD and SOFT Starter Difference

वीफडी और सॉफ्ट स्टार्टर में अंतर?

सॉफ्ट स्टार्टर का उपयोग हम ड्राइव मतलब मोटर को स्मूथली स्टार्ट करने के लिए और मोटर को स्मूथली स्टॉप करने के लिए करते है।

VFD and Soft Starter Hindi

वही पर VFD की बात करें तो VFD भी मोटर को स्मूथ स्टार्ट और स्मूथ स्टॉप तो प्रोवाइड करता ही है। इसके अलावा वीफडी के और भी मुख्य काम होता है, जिसमे से एक होता है मोटर को कंट्रोल करना।

सॉफ्ट स्टार्टर के केस में आप मोटर के RPM को चेंज नहीं कर सकते सिर्फ आप सॉफ्ट स्टार्टिंग प्रोवाइड कर सकते हैं पर वीएफडी के केस में आप मोटर का RPM भी आपके रिक्वायरमेंट के हिसाब से चेंज कर सकते हैं। 

vfd-motor-connection-in-hindi

तो यह फायदा आपको विफ्डी में मिलता है की आप जब चाहे मोटर की स्पीड को विफडी की मदद से कम या ज्यादा कर सकते हो, लेकिन यह आप सॉफ्ट स्टार्टर मे नही कर सकते।

मोटर को स्मूथ स्टार्ट करना और स्मूथली बन्द करना, इसे मोटर का acceleration व deceleration कहा जाता है।

इसके अलावा एक महत्वपूर्ण बात यह है, की सॉफ्ट स्टार्टर मे हार्मोनिक उत्पन नहीं होते है। यह सॉफ्ट स्टार्टर का एक बहुत बड़ा एडवांटेज है। सॉफ्ट स्टार्टर में हारमोनिक्स नाम कोई भी केस नहीं होता इस हिसाब से सॉफ्ट स्टार्टर को काफी अच्छा माना जाता है।

वीफडी की बात करे तो इनके उपयोग करने से हमारे सिस्टम में हारमोनिक्स बनते होते हैं। और इनमे जो थर्ड हारमोनिक्स होते हैं, वह वीएफडी में काफी ज्यादा उत्पन होते हैं।

harmonic-panel-in-hindi-vfd-vs-harmonic

इसकी वजह से आपने कई कंपनी के अंदर देखा भी होगा की वह वीफडी के साथ में एक्स्ट्रा फ़िल्टर को लगाकर रखते है। यह हार्मोनिक फ़िल्टर होते है।


यह भी पढ़े(Also Read):-

तो दोस्तो उम्मीद है, आज आपके आरसीसीबी (Residual current circuit breaker) से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।

इंजीनियरिंग दोस्त (Engineering Dost) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂 

अगर आप इलेक्ट्रिकल की वीडियो हिन्दी मे देखना पसन्द करते है, तो आप हमारे YouTube Channel इलेक्ट्रिकल दोस्त को जरूर विजिट करे।

This Post Has 15 Comments

  1. Nitin Kumar

    Working principal of chiller,diesel generator,ahu,pahu and ups

    1. A. M. Khokhar

      Achhi website banayi he bhai..

    2. Anonymous

      Plz make video on this topics

      1. Anonymous

        Super electrical video please make video on this topics sir

  2. Anonymous

    Achhi website banayi he bhai, padh ne maja ata he ese topic ko…

  3. Anonymous

    Bahut acha site hai plz ap aur electrical ke bare me upload krte rahe plz

  4. Anonymous

    Thinks sir

  5. Anonymous

    Góod job bro..

  6. Bhupendra Rinayat

    Very nice side

  7. Anonymous

    good help full..

  8. जितेंद्र सिंह

    Kya khub samjhaya sir apne…

  9. Intekhab haider

    Easy language me etna achha concept bahut hi badhiya sir jee…bahut help ho raha hai aapke concept se dil se salam aur shukriya…

  10. गिरीश चंद्राकर

    कम शब्दों में ज्यादा विस्तार से समझाते हैं आप , good ।

Leave a Reply