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Engine Parts in hindi | इंजन पार्ट्स के नाम

Internal Combustion Engine Parts and functions

आंतरिक दहन इंजन के भाग और कार्यप्रणाली

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  1. Cylinder block (सिलेन्डर ब्लॉक)
  2. Piston & Piston Ring (पिस्टन व पिस्टन रिंग)
  3. Connecting Rod (कनेक्टिंग रॉड)
  4. Crank Shaft (क्रैंक शाफ्ट)
  5. Crankcase (क्रैंक केस)
  6. Cam Shaft ( केम शाफ़्ट)
  7. Valve (वाल्व)
  8. Cooling Water Jacket (वाटर जेकेट)
  9. Cylinder head (सिलेन्डर हेड)

Cylinder block (सिलेन्डर ब्लॉक)

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यह (cast iron) ढलवा लोहा का बना होता है। यह सिलेन्डर हेड के नीचे रहता है। इसके अंदर पिस्टन, कनेक्टिंग रॉड, क्रैंक शाफ़्ट, केम शाफ़्ट, आदि होते है। इसके अंदर लाइनर भी होते है।

Piston & Piston Ring (पिस्टन व पिस्टन रिंग)

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यह cast iron (दलवा लोहा) व aluminium alloy (एल्युमीनियम एलाय) के बने होते है। पिस्टन पर चार स्लॉट कटे हुऐ रहते है। इनमें पिस्टन रिंग लगी होती है। तीन स्लॉट में कम्प्रेशर रिंग लगी होती है। चौथी स्लॉट आयल रिंग होती है। जब हम पिस्टन को लाइनर में डालते तो पिस्टन की कम्प्रेशर रिंग लाइनर से सटी हुई रहती है। आयल रिंग व कम्प्रेशर रिंग High Pressure Gas (उच्च दबाव वाली गेस) को क्रैंक केस में जाने से रोकती है।

Connecting Rod (कनेक्टिंग रॉड)

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कनेक्टिंग रॉड यह क्रैंक शाफ़्ट को पिस्टन से जोडती है मतलब पिस्टन से मिली पॉवर को क्रैंक शाफ़्ट को ट्रांसफर करती है। कनेक्टिंग रॉड का छोटा सिरा पिस्टन से जुड़ा होता है। बडा सिरा क्रैंक शाफ़्ट जुड़ा होता है। 

Crank Shaft (क्रैंक शाफ्ट)

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क्रैंक शाफ्ट कनेटिंग रॉड के एक सिरे से जुड़ी होती है और कनेटिंग रॉड का दूसरा सिरा पिस्टन से जुड़ा होता है। क्रैंक शाफ़्ट मे पिन, वेव, बलेंसिंग लोड, मेन बेयरिंग, होते है। क्रैंक केस में जो बेयरिंग होते है, वह क्रैंक शाफ़्ट को सपोर्ट करता है। क्रैंक शाफ़्ट के अगले सिरे पर नट, फैन बेल्ट पुल्ली, वाइब्रेशन डेमपर लगा होता है और क्रैंक शाफ़्ट के पिछले सिरे पर fly wheel (गति पालक चक्र) लगा होता है।

 Crankcase (क्रैंक केस)

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सिलेन्डर ब्लॉक के निचले भाग को क्रैंक केस कहते है। यह केम शाफ्ट और क्रैंक शाफ्ट के हाउजिंग का काम करता है। यह Cast Iron (कॉस्ट आयरन) ढलवाँ लोहा व Aluminium (अलुमिनियम) का बना होता है। 

 Cam Shaft ( केम शाफ़्ट)

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केम शाफ़्ट का कार्य वाल्व को बंद करना और खोलना होता हैं। केम शाफ्ट पर केम लोब बने होते है। प्रत्येक सिलेन्डर के लिए केम शाफ्ट के ऊपर दो केम लोब बने होते है। एक inlet (इनलेट) वाल्व व outlet (आउटलेट) वाल्व के लिए बने होते है। केम शाफ़्ट के अगले सिरे पर गियर होते है। क्रैंक शाफ्ट में भी गियर होते है, जो की केम शाफ़्ट के गियर से जुड़े होते है। केम शाफ़्ट को क्रैंक शाफ़्ट से गति मिलती है।

क्रैंक शाफ्ट में गियर कम होते है, बल्कि केम शाफ़्ट में दुगने गियर होते है।

Valve (वाल्व)

वाल्व इंजन में बने पोर्ट को खोलता व बंद करता है। इसका उपयोग I.c मतलब  internal combustion engine (इंटर्नल कैबशन इंजन) में किया जाता है। इन वाल्व की सेटिंग 30° से 40° ऐंगल पर टेपर रहती है।
प्रत्येक सिलेन्डर के ऊपर हेड में दो वाल्व लगे होते है।

  1. inlet valve (इनलेट वाल्व)
  2. outlet valve (आउटलेट वाल्व)

Inlet valve (इनलेट वाल्व)- इसका का काम पेट्रोल इंजन और डीजल इंजन में अलग अलग तरह से होता है।

Petrol engine पेट्रोल इंजन में इनलेट वाल्व से हवा व पेट्रोल का मिश्रण combination chamber (कैबशन चेम्बर) में जाता है, फिर कैबशन चेम्बर में वह स्पार्क प्लग से स्पार्किंग होकर जल जाता है। उसके बाद आउटलेट वाल्व खुलता है। जिससे एग्जास्ट गेस बाहर निकल जाती है।

Diesel engine डिजल इंजन में इनलेट वाल्व से शुद्ध हवा combustion chamber (कॉम्बिनेशन चेम्बर) में जाती है। जब पिस्टन b.d.c (बाटम डेट सेंटर) से t.d.c (टॉप डेट सेंटर) ओर आता है। तो शुद्ध हवा का टेम्प्रेचर (तापमान) high (ऊच्च) या ज्यादा हो जाता है। फिर इंजेक्टर से डिजल स्प्रे होता है। जिससे सिलेन्डर के ऊपर विस्फोट होता है।

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उसके बाद आउटलेट वाल्व खुलता है। जिससे एग्जास्ट गेस बाहर निकल जाती है। यह वाल्व nickel chrome steel के होते है।

Outlet Valve (आउटलेट वाल्व)- यह वाल्व एग्जास्ट गेस बाहर निकलते है। यह वाल्व Silchrome steel के होते है।

Cooling Water Jacket (वाटर जेकेट)

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इंजन में वाटर जैकेट इसलिए होते है। क्योंकि इंजन का तापमान बहुत high(उच्च) या ज्यादा रहता है। तो यह वाटर जैकेट इंजन ठंडा करते है। इंजन के अंदर का तापमान 1600℃ से 2800℃ तक रहता है। अगर इंजन को ठंडा नही करेंगे तो इंजन सीज हो जाएगा। ब्लॉक की दीवारो मैं होल या छेद या छिद्र होते है। जिसमे पानी भरा होता है।

इसमें वाटर पंप की सहयता से सिलेन्डर के चारों ओर लगी वाटर जेकेट से इंजन के चारो ओर पानी घूमता है। जब पानी गर्म होता है। तो पानी रेडिएटर में जाकर पानी ठंडा हो जाता है। यह प्रोसेस चलती रहती है।

Cylinder head (सिलेन्डर हेड)

यह (cast iron) ढलवा लोहा का बना होता है। यह सिलेन्डर ब्लॉक के ऊपर रहता है।इसमे रॉकर आर्म, वाल्व, गेस्किट, एग्गस्ट मनिफोल्ड आदि लगे होते है।


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तो दोस्तो उम्मीद है आज आपको Engine Parts नाम और वर्किंग से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे, अगर आपके अभी भी कोई सवाल इलेक्ट्रिकल से जुड़े है तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।

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This Post Has 8 Comments

  1. Narendra kumar Bhand

    Nicely designed

  2. Mahesh

    Thanks sir ji itni asan bhasa me samjane ke liye apke charno me Naman hai hamara

  3. Shubham

    Osm bro good

  4. Er Dheerendra Kumar

    Notes for diesel engine.

  5. HALDEEP PATLE

    Nice Sir

  6. Azad

    Very good

  7. Dhiraj Kumar bagbay

    Supereb sir,
    Thank you so much

  8. Mahesh

    Verry good knowledge sir ji and inspire me for the thank article

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